नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ के सुकमा में नक्सली हमले में जवानों की शहादत पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना ने आंतरिक सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार की नीतियों और दावों की कलई खोल दी है।
गांधी ने आरोप लगाया कि आंतरिक सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार की नीतियां दोषपूर्ण हैं और इस हमले ने भाजपा सरकार की नीतियों की पोल खोल दी है। उन्होंने घटना में शहीद हुए जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
उन्होंने ट्वीट किया कि छत्तीसगढ के सुकमा में नक्सली हमले में केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) के नौ जवान शहीद हुए हैं। इससे आंतरिक सुरक्षा को लेकर सरकार की दोषपूर्ण नीतियों का पर्दाफाश होता है।
बाद में कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी सरकार की दिशाहीन नीतियों के कारण देश के आंतरिक हिस्सों तथा सीमा पर स्थिति खराब है। इस घटना से नक्सलवाद पर लगाम कसने के मोदी सरकार के दावे की भी पोल खुलती है।
सुरजेवाला ने कहा कि चार साल पहले मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा काे मुद्दा बनाया था और इसी का सहारा लेकर सत्ता हासिल की थी। इन चार वर्षों के दौरान सीमा पर संघर्ष विराम, घुसपैठ, राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर आतंकवादी हमले तथा नक्सली हमले कई गुना बढ़े हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद देश में 23 बड़े नक्सली हमले हुए हैं जिनमें सुरक्षा बलों के 97 जवान शहीद हुए हैं और 121 नागरिक मारे गए हैं। इसी तरह से नोटबंदी के बाद अकेले जम्मू कश्मीर में 53 बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं जिनमें 99 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए और 64 नागरिक मारे गए हैं।
प्रवक्ता ने छत्तीसगढ सरकार की भी आलोचना की और कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री रमनसिंह के नेतृत्ववाली 14 साल और 95 दिनों की सरकार नक्सलवाद पर लगाम कसने में असफल रही है। राज्य में बराबर नक्सली हमले हो रहे हैं। मुख्यमंत्री नक्सलियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की बात की है लेकिन इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल नक्सलबाड़ी से पार्टी के विस्तार का काय्रक्रम शुरू करने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को प्रधानमंत्री के साथ मिलकर नक्सलवाद खत्म करने के लिए ठोस उपाय करने चाहिए।