मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिए मराठा समुदाय के शांतिपूर्वक आंदोलन के संबंध में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने बुधवार को कहा कि सरकार सकल मराठा समाज के साथ चर्चा के लिए तैयार है।
फडनवीस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने मराठा समाज के हित में कई निर्णय लिए हैं और विशेषरूप से मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए सरकार कटिबद्ध है।
इस संदर्भ में राज्य सरकार ने कानून तैयार किया है लेकिन बम्बई उच्च न्यायालय ने बनाए हुए कानून को स्थगित किया है। इसके बाद राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन शीर्ष न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर स्थगन
नहीं दिया इसलिए मराठा समुदाय के आरक्षण का मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। मुख्यमंत्री ने कहा इस मामले को सुलझाने के लिए सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि मामला अदालत में होने के बावजूद सरकार अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रही है।
फडनवीस ने कहा कि मराठा समुदाय के छात्रों के लिए प्रत्येक जिला में छात्रावास बनाने का काम शुरू किया गया है। दो स्थानों पर छात्रावास का काम अपने अंतिम चरण में है। मराठा समुदाय के 602 छात्रों की 50 प्रतिशत शैक्षिणक शुल्क राज्य सरकार भर रही है।
मराठा समुदाय के युवा उद्यमियों के लिए आसान भुगतान के तहत सुलभ कर्ज योजना शुरू की गयी है। इसके क्रियान्वयन के लिए मंत्रिमंडल की उप समिति को तैयार कर उसे सारे अधिकार दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि हिंसा या आंदोलन की बजाय मराठा समुदाय को शासन के साथ चर्चा करनी चाहिए और हमारी सरकार चर्चा के लिए हमेशा तैयार है।
उन्होंने कहा कि कुछ राजिनीतिक नेता परिस्थिति का फायदा अपनी राजनीति के लिए लेने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों को महाराष्ट्र के हित के लिए समस्या का समाधान के लिए काम करना चाहिए।
बुधवार को मराठा मोर्चा के 500 आंदोलनकारियों ने नालासोपारा के पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाले पुल को लगभग एक घंटे तक बंद रखा। मुंबई में कई जगह रास्ता रोकने की कोशिश की गई। चेम्बूर के घाटला विलेज में मराठा कार्यकर्ताओं ने जबरन दुकाने बंद करवाईं।
ठाणे में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने एक बस में तोड़फोड़ की। माजिवाड़ा में कुछ आंदोलनकारियों ने टायर जलाए और नितिन जंक्शन पर प्रदर्शन किया। मुंबई में, जोगेश्वरी फ्लाईओवर और कांदीवली के पास प्रदर्शन के कारण वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर भारी ट्रैफिक जाम रहा।
मराठा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने ठाणे में बसों की आवाजाही को रोक दी जिसके कारण बस स्टॉप पर भीड़ बढ़ गयी। घणसोली में कार्यकर्ताओं ने लोकल ट्रेन रोक दी थी जिसके कारण लोगों को बहुत परेशानी हुई।
मराठा क्रांति मोर्चा के नेता ने कहा कि हम किसी मार्ग को अवरूद्ध नहीं कर रहे हैं, हम एक शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं और अपने कार्यकर्ताओं को कहा है कि हमारे विरोध के कारण किसी को असुविधा नहीं होनी चाहिए।
मराठा समाज का आरोप है कि पिछले साल के मूक आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने साल भर में अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया उलटे गैर जिम्मेदार बयानबाजी कर हमारी भावनाओं से खिलवाड़ किया है। मराठा मोर्चा सरकारी नौकरियों, शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने की मांग कर रहा है ताक़ि मराठा समाज आगे बढ़ सके।
महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा किसान मराठा हैं, ऐसे में मराठा मोर्चा स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें लागू करने की मांग कर रहा है। नासिक में कई जगह जबरदस्ती दुकान बंद कराई गयी, बंद का असर नासिक रोड, शालीमार, सातपुर में ज्यादा दिखाई दिया।
केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले और रिपल्बिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष रामदास अठावले ने कहा,“ मैं मराठा आरक्षण की मांग का समर्थन के साथ प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील करता हूं। हमें संसद में एक कानून बनाने की आवश्यकता है और आरक्षण को 50 से 75 प्रतिशत तक बढ़ाने की जरूरत है। हम इस मुद्दे को नरेन्द्र मोदी सरकार के समक्ष उठाएंगे।
आठवले ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने के लिए केवल राज्य सरकार से काम नहीं चलेगा। मराठा आरक्षण का मुद्दा अदालत से मंजूर कराने के लिए संसद में आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए कानून बनाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि देश में ब्राह्मण, मराठा, लिंगायत, जाट, गुज्जर आदि सवर्ण जातियों में आर्थिक कमजोर लोगों के लिए अलग से 25 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संसद में कानून बनाया जाना चाहिए ताकि जिन लोगों को पहले से आरक्षण मिल रहा है उन्हें कोई परेशानी नहीं हो।
इस बीच, शिव सेना के विधायक हर्षवर्धन पाटिल ने औरंगाबाद में कहा कि वह मराठा आरक्षण का समर्थन करते हैं और आरक्षण के समर्थन में उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि वह कल अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे को साैंप देंगे।