लाॅस एंजिल्स। अमरीका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा का इनसाइट लैंडर सोमवार को मंगल ग्रह पर सुरक्षित उतर गया। इस अंतरिक्ष यान के मंगल ग्रह पर उतरने के साथ ही नासा के दो वर्ष तक चलने वाले उस मिशन की शुरुआत हो गई जिसमें मंगल ग्रह से जुड़े अंतरिक्ष के रहस्यों के बारे में पता लगाया जाएगा।
नासा का इनसाइट लैंडर इस वर्ष पांच मई को प्रक्षेपित किया गया था। वर्ष 2012 में क्यूरोसिटी रोवर के बाद लाल ग्रह के रहस्यों की खोज के लिए पूर्ण रूप से समर्पित नासा का यह पहला मिशन है। इनसाइट लैंडर छह महीने में करीब 48 करोड़ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मंगल ग्रह पर पहुंचा।
इनसाइट लैंडर भारतीय समयानुसार सोमवार देर रात करीब एक बजकर 17 मिनट पर मंगल ग्रह पर उतरा। इनसाइट लैंडर सात मिनट के महत्वपूर्ण समय के बाद मंगल पर उतरा। नासा के इस मिशन का लक्ष्य इनसाइट लैंडर के जरिए मंगल की सतह और उसके आंतरिक भागों का अध्ययन करना है।
इनसाइट लैंडर को मंगल पर उतरने के लिए सात मिनट के महत्वपूर्ण समय के दौरान अपनी गति 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटे तक कम करनी पड़ी। इनसाइट लैंडर लाल ग्रह के बारे में ऐसी जानकारियां दे सकता है, जो अरबों सालों से नहीं मिली हैं।
यह यान अपने इस अभियान के दौरान मंगल पर एक साइज़्मोमीटर रखेगा जो लाल ग्रह के भीतर की हलचलों को रिकॉर्ड करेगा। इससे मंगल की सतह के अंदर भूकंप जैसी हलचल का पता लगाया जाएगा।
पहली बार इनसाइट लैंडर के जरिए मंगल की खुदाई कर उससे जुड़ी रहस्यमय जानकारियां जुटाई जायेंगी। इसमें एक जर्मन उपकरण भी है जो लाल ग्रह की जमीन के पांच मीटर नीचे जाकर उसके तापमान का पता लगाएगा। तापमान से मंगल ग्रह की सक्रियता का पता लगाया जाएगा। इसके तीसरे प्रयोग में रेडियो तरंगों का भी इस्तेमाल होगा जिससे यह पता चलेगा कि मंगल अपनी धुरी पर डगमगाते हुए कैसे घूमता है।
इनसाइट लैंडर के मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद नासा के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्रिडेनस्टाइन ने कहा कि हम मानव इतिहास में आज आठवीं बार मंगल पर सफलतापूर्वक उतरने में कामयाब रहे।