नयी दिल्ली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना युद्ध हताहत कल्याण कोष (एबीसीडब्ल्यूएफ) युद्ध में शहीद या दिव्यांग होने वाले (बैटल कैजुअल्टी) सैनिकों के परिवारों के लिए के लिए आर्थिक सहायता में चार गुना वृद्धि करते हुए इसे आठ लाख रुपये करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी है।
रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि श्री सिंह ने बैटल कैजुअल्टी की सभी श्रेणियों के लिए परिजनों को आर्थिक सहायता में वृद्धि करते हुए इसे आठ लाख रुपये करने को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। यह राशि शहीदों के परिवारों को मिलने वाली अनुग्रह राशि, सेना समूह बीमा, पेंशन तथा अन्य नियमित आर्थिक मदद के अतिरिक्त है।
वर्तमान में एबीसीडब्ल्युएफ से युद्ध में शहीद होने वालों, युद्ध के दौरान हुई दिव्यांगता की वजह से बाद में मौत हो जाने और 60 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता के लिए दो लाख रुपये और 60 प्रतिशत से कम दिव्यांगता के लिए एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान है। अब इसकी राशि बढ़ाकर आठ लाख रुपये करने का प्रावधान है।
फरवरी 2016 में सियाचिन में हुये हिमस्खलन की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में 10 सैनिकों के बर्फ में दब जाने के बाद बैटल कैजुअल्टी के तहत उनके परिवारों को बड़ी संख्या में लोगों द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान करने की पेशकश के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय ने भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग (ईएसडब्ल्यू) के तहत एबीसीडब्ल्यूएफ का गठन जुलाई 2017 में किया था और इसे अप्रैल 2016 में पूर्ववर्ती तिथि से लागू कर दिया गया। इसके अंतर्गत लोगों के द्वारा धन जमा करने के लिए नयी दिल्ली में सिंडिकेट बैंक की साउथ ब्लॉक शाखा में 90552010165915 नंबर से एक बैंक खाता खोला गया था।
यह कोष बैटल कैजुअल्टी के तहत बच्चों और परिजनों को मिलने वाली अतिरिक्त अनुग्रह राशि के लिए विभिन्न वर्तमान कल्याण योजनाओं से इतर है। विभिन्न रैंकों के लिए 25 लाख रुपये से 45 लाख रुपये तक की अनुग्रह राशि सहित मौद्रिक अनुदान (केंद्रीय) और सेना समूह बीमा के लिए 40 लाख रुपये से लेकर 75 लाख रुपये तक का मौद्रिक अनुदान पहले से मौजूद है। इसके साथ-साथ मंत्रालय द्वारा मृत्यु से जुड़ी बीमा योजना, डीएलआईसीएस (जेसीओ/ओआरएस) के तहत 60,000 रुपये; आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यए) के तहत 15,000 रुपये, बच्चों के लिए ट्यूशन शुल्क की पूर्ण प्रतिपूर्ति, बैटल कैजुअल्टी एवं फिजिकल कैजुअल्टी (फैटल) के तहत रेलवे टिकट पर 70 प्रतिशत तक की रियायत, बेटियों के विवाह, विधवा पुनर्विवाह और अनाथ बेटे के विवाह के लिए अनुदान प्रदान करना तात्कालिक और दीर्घकालिक सहायताओं में से हैं।