नई दिल्ली। यात्री कार वर्ग की अग्रणी कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया लिमिटेड ने शनिवार को घरेलू बाजार में दो करोड़वें वाहन की बिक्री कर एक नया अध्याय जोड़ते हुए देश की एकमात्र ऐसी कंपनी बनने का श्रेय हासिल कर लिया।
मारुति ने भारतीय कार बाजार में 37 साल पहले अपना सफर शुरू किया था। कंपनी ने दिसंबर 1983 में घरेलू बाजार में पहली कार बेची थी। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और घरेलू उपभोक्ताओं की पहली पसंद बनी। कंपनी को पहले एक करोड़ वाहन बेचने में 29 साल लगे जबकि अगले एक करोड़ वाहन उसने मात्र आठ साल में बेचने का रिकॉर्ड बनाया।
भारतीय कार बाजार में उपभोक्ताओं की 37 वर्ष से लगातार पहली पसंद बनी हुई मारुति ने 800 सीसी की छोटी कार से 14 दिसंबर 1983 को शुरुआत की थी। इसके बाद कंपनी ने ग्राहकों की नब्ज टटोलते हुए कार रखने की चाहत रखने वाले लाखों लोगों के सपने को पूरा किया।
मारुति के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनीची आयुकावा ने इस सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए ग्राहकों धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि इस सफलता को हासिल करने के लिए कंपनी के आपूर्तिकर्ताओं और डीलरों की मेहनत के साथ ही ग्राहकों ने जो भरोसा जताया और सरकार ने जिस तरह का समर्थन दिया उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। देश के एक-एक परिवार के पास अपना यात्री वाहन हो इस मिशन के साथ मारुति आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि कंपनी ने समय के साथ ग्राहकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए क्षमता विस्तार तो किया ही है पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी पूरी सिद्दत के साथ निर्वाह किया है। कंपनी सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। पांच मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र चालू वित्त वर्ष में शुरू किया गया।
मानसेर स्थित संयंत्र में 20 मेगावाट का एक अन्य सौर ऊर्जा संयंत्र भी 2021 में शुरू हो जाने की उम्मीद है। कंपनी ने कामकाज में भूजल का कम से कम प्रयोग करने पर भी जोर दिया और अब यह करीब-करीब शून्य पर आ गया है। वह पानी की अपनी जरूरतों का 60 प्रतिशत पुनर्चक्रण कर प्राप्त कर रही है।