अजमेर। प्रदेश में मारवाड़ी परिवारों ने शुक्रवार को सर्वाधिक लोकप्रिय त्योहार गणगौर धूमधाम से मनाया। लॉक डाउन के चलते लोगों ने अपने घरों पर ही पानी के टब में ही गणगौर का विसर्जन कर औपचारिकता पूरी की।
इस त्यौहार में भगवान शंकर और मां पार्वती को गणगौर के रूप में लडकियां अपने सुन्दर वर के लिए तथा सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की दीर्घ आयु के लिए पूजन करती हैं। जिस परिवार में लड़की के विवाह का प्रथम वर्ष होता है उनके परिवार में तो यह उत्सव होली के दिन से ही प्रारम्भ हो जाता है।
मिटटी के ईसरदास (शंकर) तथा गणगौर (पार्वती) की मूर्ति बनाकर नवरात्र के तृतीय तक प्रतिदिन महिलाएं पूजा करती हैं और तृतीया के दिन बहुत ही धूमधाम से पारंपरिक पूजा कर नदी तालाब या कुआँ में विसर्जित करने की परंपरा है।
इस वर्ष कोरोना आपदा की वजह से लाॅकडाउन का सम्मान करते हुए महिलाओं ने पूजा के पश्चात इको फ्रैंडली विसर्जन अपनाते हुए घर में ही टब के पानी में विसर्जित किया। पंचशील में बबीता टांक ने बताया कि बाद में इस पानी को गमलों तथा पौधों में डाल देंगे। इस पर्व को शहर व कस्बों में दर्जनों परिवारों ने मनाया।