नई दिल्ली। बॉक्सिंग रिंग में अपनी अद्भुत प्रतिभा से देश का नाम रौशन करने वाली छह बार की विश्व चैम्पियन मैरीकॉम ने अपनी गायकी का हुनर दिखाकर साबित कर दिया कि वह सुरों की भी चैंपियन हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जवाहर लाल नेहरु सभागार में अंगदान करने वाले लोगों की याद में अंग पुन:स्थापना बैकिंग संस्था (ओरबो) द्वारा कल आयोजित एक कार्यक्रम में मैरीकॉम ने लता मंगेशकर का गाना ‘अजीब दास्तां है ये, कहां शुरु कहां खत्म’ गाया। उन्होंने पूरे सुर-ताल के साथ गाकर साबित कर दिया कि उनके व्यक्तित्व के कई रंग हैं। वह एक भावुक तथा बहुआयामी प्रतिभा की धनी व्यक्ति हैं। उनका गाना खत्म होने पर सभागार में उपस्थित लोगों की तालियों की ध्वनि रुकने का नाम नहीं ले रही थी।
दरअसल, यह कार्यक्रम अंगदान करने वाले लोगों की स्मृति में आयोजित किया गया था और उनके परिजनों को इस नेक काम के लिए स्मृति चिह्न दिया गया था। अपनों की मौत को एक बार फिर याद करके परिजन और अन्य लोग तो गमगीन थे ही इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री हर्षवर्धन, खेल मंत्री किरन रिजिजु ,गायक मोहित चौहान और मैरीकॉम भी भावुक हो गई।
अंगदान पर अपने विचार रखने के अवसर पर देश की सबसे सफल महिला मुक्केबाज़ ने कहा,“ मैंने बहुत मेहनत करके खेल की दुनिया में ऊचाइयों को छुआ है। यहां आकर मुझे ऐसी स्ट्राँग फीलिंग हाे रहा है कि मैं भी अंगदान करूं ताकि मरने के बाद भी मुझे याद किया जाये। मैं किसी-न किसी शख्स के शरीर का अंग बन कर जीवित रहूं।” यह घोषणा करते समय उनकी आंखे भर आई थीं और गला रौंध गया था। उन्होंने कहा कि वह अंगदान जरुर करेंगी लेकिन उसकी तारीख के बारे में अभी नहीं बतायेंगीं।
कार्यक्रम को हल्का-फुल्का बनाने के इरादे से आयोजकों की ओर से कुछ अलग करने का प्रयास किया गया। उन्होंने इसके लिये मैरीकॉम से गाने का आग्रह किया जिसे उन्होंने तत्काल मान लिया और गाने को पूरा-पूरा मधुर आवाज और बढ़िया ताल में गाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया।