नई दिल्ली। छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम असम के गुवाहाटी में कर्मबीर नबीन चंद्रा बोरदोलोई इंडोर स्टेडियम 20 से 24 मई तक होने वाले 70 हजार डॉलर की पुरस्कार राशि के इंडिया ओपन मुक्केबाजी टूर्नामेंट के दूसरे संस्करण में पहली बार 51 किग्रा वर्ग में अपनी चुनौती पेश करेंगी।
टूर्नामेंट में भारत की तरफ से 35 पुरुष और 37 महिला मुक्केबाज भाग लेंगे। लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम पिछले महीने एशियाई चैंपियनशिप में नहीं खेली थी लेकिन विश्व चैंपियनशिप तथा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की तैयारी के मद्देनज़र वह इस टूर्नामेंट में 51 किग्रा श्रेणी में खेलेंगी।
भारतीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने टूर्नामेंट के आयोजन पर कहा कि भारतीय मुक्केबाजों के लिए विश्व चैंपियनशिप की तैयारी के उद्देश्य से इंडियन ओपन एक बेहतरीन मौका हैं। इस टूर्नामेंट में वे एशियाई खेलों तथा विश्व चैंपियनशिप स्तर के मुक्केबाजों के साथ मुकाबला करेंगे।
ओलंपिक में क्वालीफाई करने के लिए मंजूर की गई वजन श्रेणी योग्यता को ध्यान में रखते हुए कई भारतीय मुक्केबाजों ने अपनी वजन श्रेणी में बदलाव किया हैं। एशियाई चैंपियनशिप में 81 किलो श्रेणी में किसी भारतीय मुक्केबाज द्वारा पहली बार स्वर्ण पदक जीतने के बाद पूजा रानी ने वापस अपने पुराने 75 किलो श्रेणी वर्ग में जाने का निर्णय लिया है।
असम की मुक्केबाज भाग्यवती कचरी ने भी 81 किग्रा से 75 किग्रा श्रेणी में लड़ने का फैसला किया है। एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली मनीषा मौन पहली बार 57 किग्रा श्रेणी में हाथ आजमाएंगी।
कॉन्टिनेंटल टूर्नामेंट में 64 किग्रा श्रेणी में रजत पदक जीतने वाली सिमरनजीत कौर ने भी 64 किग्रा श्रेणी के बजाय 60 किग्रा श्रेणी में मुक्केबाजी करने का फैसला किया है। वह इस श्रेणी में आठ बार की एशियाई पदक विजेता और पूर्व विश्व चैंपियन सरिता देवी से स्पर्धा करेंगी।
मैरीकॉम ने अपनी तैयारियों के बारे में कहा कि मैं 51 किग्रा श्रेणी में लड़ने की तैयारी कर रही हूं। मैंने प्रतियोगिता के मद्देनज़र जर्मनी में खूब मेहनत की है। विश्व कप से पहले अपनी तैयारियों को पूरी तरह से परखने के लिए मैं तैयार हूं। मुझे बेहद खुशी है कि टूर्नामेंट का आयोजन प्रतिभाशाली क्षेत्र पूर्वोत्तर के असम में हो रहा है।
भारत की ओर से छह बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम पदक के लिए सबसे बड़ी उम्मीदवार होंगी। अमित पंघल की भी एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम करने के बाद 52 किग्रा श्रेणी में अपना दबदबा बरकरार रखने की कोशिश होगी।
असम के शिवा थापा (60 किग्रा) के लगातार चार एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीत कर इतिहास रचने के बाद एक बार फिर दर्शकों को खुश करने की कोशिश करेंगे। अंकुषिता बोरो भी 64 किग्रा श्रेणी में प्रभावित करने के लिए तैयार है। उन्होंने 2017 में विश्व यूथ चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2017 में कांस्य पदक जीतने वाले गौरव बिधूड़ी (56 किग्रा) पर भी भारत की नजरें टिकी होंगी।
इंडियन ओपन टूर्नामेंट सात दिन तक चलेगा और टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाले को 2500 डॉलर तथा रजत पदक जीतने वाले मुक्केबाज को 1000 डॉलर का नाम दिया जाएगा।