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कराची में इमरान खान की सरकार के खिलाफ उमड़ा जनसैलाब - Sabguru News
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कराची में इमरान खान की सरकार के खिलाफ उमड़ा जनसैलाब

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कराची में इमरान खान की सरकार के खिलाफ उमड़ा जनसैलाब

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग को लेकर कराची की सड़कों पर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खतरे के बीच विपक्षी पार्टियों के समर्थकों का सैलाब उमड़ गया।

पाकिस्तानी अख़बार डॉन के अनुसार पाकिस्तान की मुख्य विपक्षी पार्टी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) समेत 11 विपक्षी पार्टियों ने इमरान खान सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए रविवार को कराची में जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान पर दरअसल देश की सेना के साथ वर्ष 2018 के चुनावों में धांधली करने और अलोकतांत्रिक रूप से सत्ता हथियाने का आरोप है जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां एक जुट हो कर प्रदर्शन कर रही हैं। खान ने हालांकि सत्ता में आने के लिए पाकिस्तान सेना से मदद के आरोपों का खंडन किया है।

खान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में वापस पाकिस्तान लाने के लिए हर संभव प्रयास करनी की चेतावनी के बावजूद पीडीएम पार्टी ने कराची के बाग़-ए-जिन्ना में जोरदार रैली कर इमरान सरकार को अपने इरादे स्पष्ट कर दिए।

पाकिस्तान में 18 अक्टूबर 2007 को देश की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो पर घर वापसी के दौरान हमला कर दिया गया था और इस हमले में 200 से अधिक लोगों की मौत और 500 से अधिक लोग घायल हो गए थे। संयोग से पीडीएम की यह रैली भी 18 अक्टूबर को आयोजित हुई।

इस मौके पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने रैली में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि इमरान खान को पिछले तानाशाहों को याद रखना चाहिए। उन्हें अपने जीवन और भाग्य को याद रखना चाहिए। आपकी किस्मत उनसे अलग नहीं होगी। आप लोगों की आवाज को कभी भी दबा नहीं सकते। लोगों का गुस्सा सरकार और इसकी नींव को मिटा देगा।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ ने भी इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए इमरान खान सरकार की गलतियों, भ्रष्टाचार और अक्षमता को दोहराया। उन्होंने इमरान खान को कायर कहते हुए उन पर अपनी नाकामी को छिपाने के लिए सेना का उपयोग करने राजनीतिक विरोधियों की आवाज को दबाने के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो का गलत उपयोग करने का भी आरोप लगाया।

पाकिस्तान की पहले से खस्ताहाल अर्थव्यस्था वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से प्रकोप से और बुरी तरह प्रभावित हुई है और अब तो स्थिति यह है कि देश की अर्थव्यस्था दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति और नकारात्मक वृद्धि से जूझ रही हैं जिसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

गौरतलब है कि इमरान खान सरकार के दो साल के कार्यकाल में विपक्षी नेताओं और आलोचकों की आवाजों को किसी न किसी तरह दबाने की कोशिश की गई हैं और इसी को लेकर विपक्षी पार्टियों के गठबंधन की 16 अक्टूबर को गुजरांवाला शहर में पहली रैली हुई थी जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के हजारों समर्थक भी शामिल हुए थे और शरीफ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लंदन से रैली को संबोधित भी किया था।

नवाज शरीफ ने इस दौरान पाकिस्तान के सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा पर 2018 के चुनाव में धांधली का आरोप लगाया और उनके सत्ता से बेदखल करने का भी आरोप लगाया।