तखतगढ़ (पाली)। कस्बे सहित क्षेत्रभर में चौमासी चौदहस पर रविवार को चौंदरा माता मंदिर में महिलाएं अपने बच्चों एवं परिवार की खुशहाली को लेकर घूघरी एवं मातर का प्रसाद चढ़ाकर खुशहाली की कामना की। मंदिर पर पूजन के लिए दिनभर तांता लगा रहा।
दरअसल, आषाढ़ मास की शुक्ल एकादशी से लेकर श्रावण, भाद्रपद, अश्विन एवं कार्तिक मास की शुक्ल एकादशी तक के चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है। इन्हीं महीनों की शुक्ल चतुर्दशी तिथि को चौमासी चौदस भी कहा जाता है। वर्षा ऋतु के काल की अवधि चार मास तक की होती है इसलिये इसे चौमासा कहा जाता है।
वर्षा ऋतु का आगमन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मानसून की पहली बारिश के साथ ही माना जाता है। आषाढ़ मास की शुक्ल एकादशी यानि देवशयनी एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी यानि देवउठनी एकादशी तक रहता है। चौमासे के इन चार महीनों को बहुत खास माना जाता है जिस कारण इन महीनों में पडने वाली शुक्ल चतुर्दशी यानि चौमासी चौदस भी बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। रविवार रात को गोविंदपुरी महाराज भजनों का प्रस्तुतियां देंगे।