
मथुरा। उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने बेटी के साथ बलात्कार के आरोपी कलयुगी दरिंदे को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास भोगने का आदेश दिया है। साथ ही उसको दो लाख का जुर्माना अदा करने का भी आदेश दिया गया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पति के निधन के चार साल बाद बच्चों की सही परवरिश के लिए मथुरा की नजमा नाम की महिला ने अलीगढ़ निवासी शौबी से विवाह कर लिया। इसके बाद वह पहले पति की 15 वर्षीय बेटी समेत जिले के सुरीर थाना क्षेत्र के गांव कराहरी में रहने लगा।
दो फरवरी 2013 को शाम लगभग 6 बजे जब नजमा अपनी मौसी की बेटी के घर गई थी तो शोैबी ने बालिका का अपहरण कर लिया तथा वह घर की मोटरसाइकिल, एक लाख 5 हजार नगद एवं सोने चांदी के जेवर भी ले गया। उसने बालिका के साथ बलात्कार भी किया। नजमा ने अपनी बेटी के अपहरण और बलात्कार की पुलिस रिपोर्ट सुरीर थाने में 15 फरवरी 2013 को धारा 363,366,376 आईपीसी में करा दी।
जिला अपर शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) सुभाष चन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि इस मुकदमें में जब सजा सुनाने का नम्बर आया तो बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि उसका मुवक्किल चूंकि बहुत गरीब है और उसके द्वारा किया गया यह अपराध प्रथम है इसलिए उसे हल्की सजा दी जानी चाहिए।
चतुर्वेदी ने बताया कि इसके विपरीत उन्होंने अभियुक्त को सख्त से सख्त सजा देने का अनुरोध करते हुए अदालत में कहा कि चूंकि एक पिता ने अपनी बेटी से बलात्कार कर रक्षक ही भक्षक की भूमिका निभाई है और चूंकि पीड़िता की आयु 16 वर्ष से कम है इसलिए अभियुक्त को कठोरतम सजा दी जानी चाहिए।
एडीजीसी के अनुसार न्यायाधीश अमर सिंह ने अभियुक्त शौबी को धारा 366 आईपीसी का अपराध करने के कारण दस वर्ष का कठोरतम कारावास एवं 50 हजार जुर्माना अदा करने का आदेश दिया तथा धारा 378 आइपीसी के अन्तर्गत बलात्कार करने के आरोप में आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक) भोगने एवं डेढ़ लाख का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया। दोनो सजाएं साथ साथ चलेंगी।
आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि अभियुक्त जुर्माने के दो लाख जमा नहीं करता है तो सरकार पीड़िता को दो लाख मुआवजे के रूप में देगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि चूंकि मुलजिम जमानत पर है अतः उसकी जमानत रद्द की जाती है।