अजमेर। जीवन की आपाधापी में हम कई गलत बातों को भी सही मानकर स्वीकार करने लगे हैं, किसी न किसी कारण हम गलत को भी स्वीकार करने की मानसिकता में आते जा रहे हैं।
माताओं को अपनी संतानों में विवेक जाग्रत करना होगा कि मेरे परिवार और समाज के लिए क्या सही है और क्या गलत है। इसको वह भलीभांति पहचान सके। वे सभी महापुरुष जिनके गुणों की चर्चा आज भी समाज में होती है, उनके भीतर उन गुणों का बीजारोपण उनकी माताओं द्वारा ही किया गया है। अतः आज समाज में होते नैतिक पतन को यदि कोई रोक सकती है तो वह हमारी मातृशक्ति ही है।
यह विचार पुष्कर मार्ग स्थित आदर्श विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय में आयोजित मातृ सम्मेलन में मुख्य वक्ता दीपिका शर्मा ने व्यक्त किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजश्री गौड़ ने कहा कि नारी स्वयं ही अपने आप को कमजोर मानकर आचरण करने लगी है, जबकि एक माता जब शिशु को जन्म देती है तो कई फ्रेक्चर के बराबर दर्द को सहन करती है। दर्द सहन कर सृजन करने वाली माता कमजोर नहीं हो सकती है।
इस वर्ष से जुड़े तीन ऐतिहासिक प्रसंगों जलियावाला बाग हत्याकांड के 100 वर्ष, आजाद हिंद सरकार के 75वर्ष और गुरु नानक देव जी के 550 प्रकाश पर्व पर आधारित विद्या भारती द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तको का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया। ये पुस्तकें अब सभी विद्यार्थियों और समाज बंधुओ के लिए विद्यालय में उपलब्ध रहेंगी।
कार्यक्रम के दौरान माताओं के लिए विभिन्न प्रकार के खेलकूद तथा मेहन्दी, रंगोली, थाली-सज्जा आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। मातृभारती के द्वारा सम्पूर्ण कार्यक्रम की योजना की गई। वरिष्ठ आचार्य मधुकैलाश ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन मातृभारती की अध्यक्ष भगवन्ती दासानी, सचिव जानकी राजपुरोहित तथा मंत्री राजश्री ने किया।