सोनभद्र। उत्तर प्रदेश में सोनभद्र के अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने शनिवार को दुष्कर्म के जुर्म में मऊ किला मजार के बाबा जमील अहमद को उम्रकैद एवं 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक रामपुर बरकोनिया थाना क्षेत्र के एक गांव की पीड़िता ने थाने में दी तहरीर में कहा था कि 3 अक्तूबर 2018 को उसकी तबियत खराब थी। उसके घर पर मऊ किला मजार के बाबा जमील अहमद आए थे। उन्होंने कहा कि मऊ किला मजार पर झाड़फूंक कराने आना पड़ेगा तब ठीक हो जाओगी।
उसके बाद अपनी मां से पूछकर 4 अक्तूबर 2018 को मऊ किला मजार पर अकेले चली गई। जहां पर मजार के बाबा जमील अहमद मिले। बाबा ने कहा कि यहां पर 40 दिनों तक रुकना पड़ेगा तभी बीमारी सही होगी। बाबा की बातों पर विश्वास करके रुक गई। 10 अक्तूबर 2018 को रात में बाबा ने डरा धमकाकर जबरन दुष्कर्म किया।
किसी तरह शौच के बहाने 12 अक्तूबर 2018 को भागकर अपने घर आई और सारे इसकी जानकारी अपनी मां को दी। उसने जमील अहमद विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराया। अदालत ने गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी मऊ किला मजार के बाबा जमील अहमद को उम्रकैद एवं 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।