मऊ। बाहुबली मुख्तार अंसारी के पुत्र एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) विधायक अब्बास अंसारी समेत चार लोगों को पुलिस ने विभिन्न अपराधिक मामलों में भगोड़ा घोषित कर दिया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अब्बास अंसारी, उनकी मां आफसा अंसारी समेत चारको कोर्ट में हाजिर न होने के चलते धारा 82 की कार्रवाई के तहत भगोड़ा घोषित कर दिया है।
पुलिस अधीक्षक मऊ अविनाश पाण्डेय ने बताया कि थाना दक्षिणटोला पर पंजीकृत मामले में धारा (3)1 यूपी गैंगेस्टर एक्ट में वांछित अभियुक्त आफसा अंसारी व मुख्तार के साले आतिफ उर्फ सरजील रजा, अनवर सहजाद की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
लगातार छापेमारी कर गिरफ्तारी के किए जा रहे प्रयास के बावजूद इन लोगों अभी अदालत में हाजिर ना होने के चलते विधायक अब्बास अंसारी उनकी मां अफ्शा बेगम सहित उनके दोनों मामा को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में थाना दक्षिणटोला पर तहसीलदार सदर श्री पीसी श्रीवास्तव द्वारा, थाना दक्षिणटोला क्षेत्रान्तर्गत ग्रामसभा रैनी में एससी/एसटी लोगों की 33 एयर जमीन कब्जा करने व सरकारी सम्पत्ति एफसीआई गोदाम को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कब्जा करने (जिसकी कीमत लाखों में थी) के सम्बन्ध में मुअसं 129/20 धारा 419, 420, 433, 434, 447, 467, 468, 471 भादवि व धारा 3/4 सार्वजनिक सम्पत्ति क्षति अधिनिमय का अभियोग बनाम मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी, साले आतिफ रजा उर्फ शरजिल रजा, अनवर शहजाद व रविन्द्र नरायण सिंह, जाकिर हसैन उर्फ विक्की पंजीकृत करवाया गया था जिसमें दिनांक 21.10.2021 को पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर आरोप पत्र माननीय न्यायालय प्रषित किया गया।
पुनः उसी थाना दक्षिणटोला पर मुअसं 20/22 धारा (3)1 यूपी गैंगेस्टर एक्ट बनाम उपरोक्त पंजीकृत कराया गया था। जिसमें रविन्द्र नरायण सिंह व जाकिर हुसैन उर्फ विक्की गिरफ्तार हो चुके है। उक्त पंजीकृत गैंगेस्टर एक्ट के मुकदमें को क्वेश कराने के लिए आफसा अंसारी व अन्य द्वारा उच्च न्यायालय में अपील की गई थी जिसको पिछली नौ मई को न्यायालय ने क्वेश कर दिया था।
इसी सिलसिले में न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी का वारंटी जारी किया गया था जिसके सम्बन्ध में थाना दक्षिणटोला, कोतवाली व सरायलखंसी पुलिस गिरफ्तार करने के लिए अभियुक्त के निवास गाजीपुर में गयी हुयी थी तथा धारा 82 सीआरपीसी की कार्यवाही की गयी। यदि आरोपी न्यायालय के आदेश का अनुपालन नही करते हैं तो धारा 83 सीआरपीसी कुर्की की कार्यवाही की जाएगी।