सबगुरु न्यूज। गठबंधन! नरेंद्र मोदी की भविष्यवाणी हुई सही साबित हुई और बुआ व बबुआ दोनों का गठबंधन टूटने की घोषणा हो गई। बतादें कि 23 मई के पहले नरेंद्र मोदी ने एसपी और बीएसपी के गठबंधन को पहले ही चुनावी गठबंधन का नाम दे दिया था और कहा था कि 23 मई के परिणाम के बाद मायावती और अखिलेश यादव गठबंधन टूट जाएगा।
दोनों ही पार्टी ने केवल मोदी को हराने के लिए गठबंधन किया था और इसके लिए मोदी ने चुनावी परिणाम के पहले ही एक सभा में यह टिप्पणी की थी कि दोनों ही पार्टियों का गठबंधन केवल चुनावी गठबंधन है, यह गठबंधन केवल अपने स्वार्थ के लिए है, 23 मई के परिणाम के बाद यह दोनों पार्टियां आपस में ही एक दूसरे को नीचा दिखाने लगेंगे और गठबंधन समाप्त कर लेंगे।
ताज्जुब की बात है लेकिन मोदी की यह बात बिलकुल सच निकली, आज यानी 144 दिन बाद मायावती ने एक इंटरव्यू में कहा कि अब एसपी और बीएसपी का गठबंधन नहीं रहेगा इस गठबंधन से हमें काफी नुकसान हुआ है आगे का चुनावी प्रक्रिया में हम खुद के अनुसार ही कदम उठाएंगे।
वहीं अखिलेश यादव के एक नेता ने यह बयान दिया कि मायावती को जितनी सीटें मिली हैं वह भी एसपी के द्वारा ही मिली है वरना उनकी एक भी सीट नहीं आती और एसपी को मायावती की पार्टी के चलते काफी नुकसान हुआ है यदि यह गठबंधन ना होता अखिलेश की पार्टी अकेले ही 25 सीटें कम से कम ले आती।
यह एक आंखों देखी राजनीतिक घटना है जिसे देख कर यह मालूमात होता है कि दोनों ही पार्टियां स्वार्थ से परिपूर्ण है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पहले बयान दिया था कि 23 मई के परिणाम के बाद एक जलजला आएगा और दोनों ही पार्टियों का गठबंधन टूट जाएगा।
मायावती ने इस इस बारे में जो बयान उससे वह साफ झलकता है कि गठबंधन से नुकसान हुआ है। मायावती ने साल 2022 और 24 के चुनाव अपने बलबुते लडने की बात कहकर साफ कर दिया है कि अब वह गठबंधन करेंगी। खुद योजना बनाकर पार्टी को जिताने का प्रयास रहेगा।
वही अखिलेश यादव ने भी कहा कि हमें जीतने के लिए किसी प्रकार की गठबंधन की जरूरत नहीं है, इसके चलते एक बयान में उन्होंने मायावती को लेकर और गठबंधन को लेकर ज्यादा बात नहीं की लेकिन भाजपा को जरूर निशाना साधा और यह कहा कि भाजपा लोगों का ध्यान हटाने में माहिर रही।
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