लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी(बसपा)अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र की भारतीय जनता पाटी(भाजपा) सरकार द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में पेश अन्तरिम बजट को जमीनी हकीकत एवं वास्तविकता दूर जुमलेबाजी वाला बताये हुये कहा कि देश का धन केवल कुछ मुट्ठीभर धन्नासेठों के हाथों में सिमट गया है।
मायावती ने शुक्रवार को यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा के पिछले पाँच वर्षों के कार्यकाल में देश में आर्थिक समानता की खाई बढ़ गयी है। देश में धन और विकास केवल कुछ मुट्ठीभर धन्नासेठों के हाथों में सिमट गया है। यह बजट हकीकत से दूर सिर्फ जुमलेबाजी वाला है।
उन्होंने कहा कि भाजपा लम्बे-चौड़े बयानों और जुमलेबाजी से देश की तकदीर नहीं बदल सकती है। इस बजट से देश में लम्बे समय से जारी जर्बदस्त मंहगाई, गरीबी, अशिक्षा एवं बेरोजगारी गम्भीर समस्या समाप्त नही हो सकती है। इसके लिये सही नियत एवं समर्पित दृढ़ इच्छाशक्ति की जरुरत होती है। केन्द्र में आसीन सरकारों में अब तक अभाव रहा है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार की अनेकों प्रकार की चुनावी वादाखिलाफी की तरह ही इनका पाँच वर्षों का कार्यकाल खासकर नोटबन्दी, जी.एस.टी. और उसके कारण उत्पन्न बेरोजगारी की गम्भीर समस्या के साथ-साथ इनका अन्तरिम बजट भी देश की आमजनता के लिये मायूस व बेचैन करने वाला ही है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने खासकर गरीबों, मजदूरों व किसानों के नाम पर अभी तक जो भी योजनाएं घोषित की हैं उन सभी से इसके असली जरुरतमन्दों को कम तथा बड़े-बड़े पूँजीपतियों तथा धन्नासेठों को ही ज्यादा लाभ पहुँचा है। वे लोग बिना किसी खास मेहनत के और ज्यादा धनवान बनते चले जा रहे हैं। इससे आर्थिक विषमता और गैर-बराबरी काफी ज्यादा बढ़ी है जो कतई देशहित की बात नहीं हैं।
मायावती ने देश की आमजनता से अपील की कि वे भाजपा की सरकार की गलत नीतियों व अहंकारी कार्यकलापों को उसकी वास्तविकता के आधार पर परखें तथा खासकर अब चुनाव पूर्व की इनकी हवा-हवाई बातों, लोक-लुभावन वायदों के साथ-साथ इनके द्वारा धार्मिक उन्माद को भड़काकर अपनी विफलताओं पर से ध्यान बांटने के हथकण्डे में ना आयें बल्कि अपना भविष्य संवारने के लिये आने वाले समय में काफी गहन सोच-विचार के बाद ही ऐसा फैसला करें जिसमें उनका अपना वास्तविक हित व देशहित एवं समाजहित निहित हो।