पुणे। मी टू मुहीम में सामने आई अभिनेत्री कृतिका शर्मा ने कास्टिंग डायरेक्टर विक्की सिदाना के खिलाफ मामले की पैरवी के लिए सुप्रीमकोर्ट के वकील आशुतोष श्रीवास्तव को नियुक्त किया है।
श्रीवास्तव ने रविवार को कहा कि हमलोगों ने सिदाना के खिलाफ वर्सोवा थाने में दो दिन पहले शिकायत दर्ज कराई और हम कृतिका शर्मा को न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा कि अभिनेत्री कृतिका शर्मा को बॉलीवुड के निर्देशक विक्की सिदाना के खिलाफ अपने खौफनाक अनुभवों को बाेलने की हिम्मत जुटाने में पांच साल का लंबा समय लगा। निर्देशक ने 2013 में उसके साथ कथित रूप से दुष्कर्म करने का प्रयास किया था।
श्रीवास्तव ने बताया कि सिदाना बेबी, दृश्यम, स्पेशल 26 जैसे फिल्मों में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। उनके खिलाफ कृतिका शर्मा और दो अन्य महिलाओं ने कथित यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि मी टू आंदोलन के बाद कृतिका शर्मा ने गत गुुरुवार को शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया और वर्सोवा थाने में अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि कास्टिंग डायरेक्टर द्वारा पीड़ित कई लड़कियां कृतिका शर्मा से मिलने पहुंच रही हैं और हमलोग उन्हें कानूनी सहायता प्रदान कर रहे हैं।
वकील ने वर्सोवा थाने में दी लिखित शिकायत में कहा कि 2013 में कृतिका शर्मा को सिदाना की एक फिल्म में अभिनय के लिए चुना गया। कृतिका शर्मा उस समय दिल्ली में रहती थी और उन्हें निर्देशक लव रंजन के सहायक राहुल मोदी से मिलने के लिए एक दिन के लिए मुंबई बुलाया गया।
मुंबई में रहने के लिए कृतिका शर्मा के पास पर्याप्त रुपए नहीं थे, इस पर सिदाना ने उन्हें अपने घर पर रात में ठहरने का आमंत्रण दिया। उन्होेंने सोचा कि यह जगह सुरक्षित होगी क्योंकि वह(सिदाना) अपनी पत्नी के साथ रहते हैं।
इस दौरान उन्होंने कृतिका शर्मा के साथ कई मौकाें पर दुर्व्यवहार करने का प्रयास किया और उनके घर छोड़कर चले जाने की धमकी पर माफी भी मांगी। इसके बाद एक दिन सिदाना ने अपने किसी परिचित के घर ले जाकर उनके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया।