नई दिल्ली। यौन शोषण के कई आरोपों के कारण इस्तीफे का दबाव झेल रहे केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर रविवार सुबह नाइजीरिया के दौरे से स्वदेश लौट आये और कहा कि वह आरोपों के बारे में बाद में बयान जारी करेंगे।
‘एशियन ऐज’ के पूर्व संपादक अकबर के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही पत्रकारों और टेलीविजन कैमरों ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने ‘हैश टैग मी टू अभियान’ के तहत कम से कम नौ महिला पत्रकारों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बारे में उनसे सवाल किये। केन्द्रीय मंत्री ने बस इतना ही कहा कि बाद में बयान जारी किया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी और अाधिकारिक सूत्रों के अनुसार अकबर का मंत्री पद पर बने रहना मुश्किल लग रहा है क्योंकि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू करने वाली नरेन्द्र मोदी सरकार की महिला मंत्री भी पार्टी स्तर पर इस्तीफे को देकर दबाव बना रही हैं।
सूत्रों ने कहाकि सबसे अच्छा तो यही होता कि एमजे अकबर स्वयं ही इस्तीफा दे देते। मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अकबर के खिलाफ लगे यौन आरोपों की जांच करवाने के पक्ष में हैं। अकबर पर 1990 के दशक में कई महिला पत्रकारों का यौन शोषण करने का आरोप है। उस समय वह एशियन एेज के संपादक थे।
टेलीविजन चैनल सीएनएन की एक महिला पत्रकार ने हाल में ट्विटर पर जारी अपनी पोस्ट में अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए विस्तारपूर्वक अपनी ‘व्यथा’ का बखान किया है। उस समय पत्रकार मात्र 18 साल की थी।
कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समेत विपक्षी दलों ने यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर अकबर के इस्तीफे देने की मांग की है।
अकबर पर एेसे समय में आरोप लगे हैं जब मध्य प्रदेश में विधान सभा में चुनाव होने वाले हैं और वह मध्य प्रदेश से राज्य सभा सांसद हैं। एेसे में उनका बचाव करना पार्टी के लिए कठिन हो रहा है। पार्टी ने फिलहाल इस संबंध में चुप्पी साध रखी है।
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने ‘हैश टैग मी टू अभियान’ के तहत लगे आरोपों को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए कमेटी गठित करने की बात कही है।