नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को बुधवार को बरी कर दिया।
रमानी ने वर्ष 2018 में ‘मी टू’ अभियान के दौरान अकबर पर उनका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। अदालत की ओर से करीब दो बजे आदेश सुनाने की उम्मीद थी लेकिन इसमें विलंब हुआ क्योंकि न्यायाधीश ने कहा कि फैसले में सुधार की आवश्यकता थी।
अदालत ने कहा कि यौन शोषण के मामलों को उठाने वाली महिलाओं को मानहानि का दावा करने वाली शिकायतों के आधार पर दंडित नहीं किया जा सकता।
न्यायाधीश ने अपने फैसले में प्राचीन महाकाव्यों ‘महाभारत’ और ‘रामायण’ का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें एक महिला की गरिमा का महत्व दिखाने के लिए लिखा गया था। अदालत ने कहा कि समाज को यौन उत्पीड़न और पीड़ितों पर पड़ने वाले प्रभाव को समझना चाहिए। रमानी की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेक्का जॉन ने दलीलें पेश कीं।
एक दैनिक में लिखे अपने लेख में रमानी ने आरोप लगाया कि जब 20 साल पहले अकबर एशियन ऐज अखबार के संपादक थे, तब उन्होंने उनका यौन उत्पीड़न किया था। उन्होंने कहा कि अकबर ने उन्हें नौकरी के लिए एक साक्षात्कार के लिए अपने होटल के बेडरूम में बुलाया था और अनुचित व्यवहार किया था।