नई दिल्ली। भारत ने पहली बार गुरुवार को पुष्टि करते हुए कहा कि पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नासिर खान जंजुआ ने बैंकाक में मुलाकात की थी। बैठक में आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने पर जोर रहा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हां, मैं मानता हूं, बातचीत हुई थी। मैं इस बात को भी मानता हूं कि मुद्दा आतंकवाद का था। चर्चा इस बात पर हुई कि कैसे क्षेत्र में आतंकवाद से छुटकारा पाया जाए, कैसे यह सुनिश्चित किया जाए कि आतंकवाद इस क्षेत्र को प्रभावित न करे। मेरे विचार से हमने उस वार्ता में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया।
कुमार उन मीडिया रिपोर्ट पर उठ रहे सवालों का जवाब दे रहे थे जिसमें बैंकाक में 26 दिसंबर को डोभाल और जंजुआ के बीच बैठक की बात कही गई थी। यह बैठक पाकिस्तान में कैद कुलभुषण जाधव की उनकी पत्नी व मां से शीशे के पार से मुलाकात के एक दिन बाद हुई। मुलाकात के तरीके को भारत ने अपमानजनक बताया था।
प्रवक्ता ने इससे साफ इनकार किया यह बैठक भारत-पाकिस्तान के बीच बंद वार्ता प्रक्रिया को फिर से बहाल करने की कोशिश है और कहा कि यह वार्ता दोनों देशों के बीच संचालन स्तर की चर्चा (ऑपरेशनल लेवल इंगेजमेंट) का भाग थी।
उन्होंने कहा कि हमने कहा है कि वार्ता और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। लेकिन इसके अलावा (उच्च स्तर की द्विपक्षीय वार्ता के अलावा) डीजीएमओ स्तर, भारतीय बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स स्तर की बातचीत की प्रक्रिया के तहत बातचीत होती है। यह दैनिक प्रक्रिया है। इसी तरह से दोनों तरफ के एनएसए के बीच वार्ता संचालन स्तर की बातचीत है।
उन्होंने कहा कि भारत विश्वास करता है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ आगे नहीं बढ़ सकते लेकिन आतंकवाद पर बातचीत निश्चित ही हो सकती है।
इस तरह की और बैठक होने के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि संचालन स्तर की प्रक्रिया चलती रहती है..लेकिन हम इन बैठकों की घोषणा नहीं करते हैं। जब और जहां यह बैठक होगी, आपको पता चल जाएगा।