वाशिंगटन। तमिलनाडु में चेन्नई के इंजीनियर षणमुगा सुब्रमनियन की मदद से अमरीकी अंतरिक्ष संस्थान नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने चांद की सतह पर भारत के दूसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-2’ के विक्रम लैंडर के अवशेष का पता लगाने में कामयाबी हासिल की है।
नासा ने बयान जारी कर बताया है कि सुब्रमनियन ने भारत के विक्रम लैंडर के अवशेष को खोज निकाला है। नासा के अनुसार सुब्रमनियन ने नासा द्वारा जारी की गयी चंद्रमा की तस्वीरों का अध्ययन किया और उसके बाद उन्होंने नासा को विक्रम लैंडर के अवशेष के वास्तविक लोकेशन की जानकारी दी।
नासा ने बताया कि सुब्रमनियन के साथ ही कई अन्य लोगों ने भी नासा द्वारा जारी की गई तस्वीरों को अध्ययन के लिए अपलोड किया था, लेकिन सिर्फ सुब्रमनियम ने ही विक्रम लैंडर के मलबे की वास्तविक जगह का अनुमान लगाया। इसके बाद नासा ने विक्रम लैंडर के मलबे को ढूंढ निकाला और उसकी तस्वीर जारी की।
नासा ने अपने बयान में कहा कि चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद चंद्रमा के सतह के इतने करीब पहुंचना एक अदभुत उपलब्धि है।
उल्लेेखनीय है कि सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर सॉफ्ट लैंडिंग के समय भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नियंत्रण कक्ष से सम्पर्क टूट गया था। विक्रम लैंडर का सम्पर्क जिस समय इसरो के नियंत्रण कक्ष से टूटा वह चंद्रमा की सतह लगभग 2.1 किलोमीटर दूर था।