नई दिल्ली। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने आन लाइन खाना पहुंचाने की व्यवस्था में व्याप्त खामियों को दूर करने को लेकर शुक्रवार संबंधित पक्षों की बैठक करेंगे।
पासवान ने गुरुवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान आन लाइन खाना पहुंचाने में व्याप्त खामियों को उठाये जाने पर कहा कि वह कल ही संबंधित पक्षों की बैठक बुलायेंगे। इससे पहले सभापति एम वेंकैया नायडु ने कहा कि यह समस्या पूरे देश की है। खानपान के सुरक्षा मानकों का पालन होना चाहिये। आन लाइन खाना पहुंचाने की व्यवस्था एक नया मुद्दा है जिसका अध्ययन किया जाना चाहिये।
इससे पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के सोमा प्रसाद ने आन लाइन खाना मंगाने को लेकर लोगों को हो रही परेशानियों का मुद्दा उठाया और कहा कि काफी कम्पनियां इस क्षेत्र में आ गयी है और यह कारोबार 27 लाख डालर का हो गया है। उन्होंने कहा कि आन लाइन खानपान खाद्य करोबार को नियंत्रित किया जाना चाहिये और इसमें स्वच्छता मानकों का पालन किया जाना चाहिये। खाना का उचित मूल्य और गुणवत्ता निर्धारित किया जाना चाहिये तथा इसे खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के अधीन लाया जाना चाहिये।
प्रसाद ने कहा कि आन लाइन खानपान का कारोबार करने वाली कम्पनियां खाना पहुंचाने पर शुरु में शून्य प्रतिशत कमीशन देते हैं लेकिन बाद में यह बढकर 10 से 25 प्रतिशत तक हो जाता है जो वेंडर या ग्राहक को देना पड़ता है। इतना ही नहीं आडर रद्द करने पर भी लोगों को कमीशन देना पड़ता है ।