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Meeting to show fondness disolve bitterness in Sirohi BJP - Sabguru News
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सिरोही में भाजपाइयों की डिनर पॉलिटिक्स, खालिस स्नेह या स्नेह में साजिश!

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सिरोही में भाजपाइयों की डिनर पॉलिटिक्स, खालिस स्नेह या स्नेह में साजिश!
सिरोही में 13 जुलाई को आयोजित वो स्नेहमिलन जिसने भाजपा में कडुआहट घोल दी।
सिरोही में 13 जुलाई को आयोजित वो स्नेहमिलन जिसने भाजपा में कडुआहट घोल दी।
सिरोही में 13 जुलाई को आयोजित वो स्नेहमिलन जिसने भाजपा में कडुआहट घोल दी।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजयुमो के गहलोत सरकार के खिलाफ धरने वाली रात सिरोही के वीरान इलाके में एक छात्रावास में हुई डिनर पॉलिटिक्स सिरोही भाजपा में हलचल मचाए हुए है।

फेसबुक में भाजपा नगर मंडल के एक पदाधिकारी की पोस्ट में इस ओर ध्यान खींचा कि कोई ‘बाहरीÓ स्थानीय भाजपाइयों को लड़वाकर खुद सिरोही भाजपा पर काबिज होने की साजिश कर रहा है। वहीं कार्यक्रम आयोजक इसे स्नेहमिलन का नाम दे रहे हैं। अब राजनीतिक हलकों में चर्चा ये है कि ये डिनर खालिस स्नेह था या स्नेह की आड़ में स्थानीय भाजपा संगठन के खिलाफ साजिश थी।

सिरोही भाजपा पदाधिकारी की सोशल मीडिया पोस्ट।
सिरोही भाजपा पदाधिकारी की सोशल मीडिया पोस्ट।

-स्नेहमिलन तो राजनीतिक भाषण क्यों?
इस कथित स्नेह मिलन के कई दावों पर भाजपा संगठन के पदाधिकारी ही सवालिया निशान लगा रहे हैं। भाजपा के समूहों में जो सवाल उठ रहा है उसमें सबसे पहला सवाल है कि जिस डिनर को स्नेहमिलन का नाम दिया जा रहा है उसमें राजनीतिक भाषण और पंचायत चुनावों की तैयारियों का मार्गदर्शन की आवश्यकता क्या थी? दूसरा सवाल ये कि जब पंचायत चुनावों की तैयारी के लिए ही एकीकरण अभियान था तो भाजपा के मूल और अनुशांगिक संगठनों के वर्तमान पदाधिकारियों को इसमें क्यों शामिल नहीं किया गया?

बाहरी प्रत्याशियों की हवा को लेकर स्थानीय पदाधिकारियों की प्रतिक्रिया।
बाहरी प्रत्याशियों की हवा को लेकर स्थानीय पदाधिकारियों की प्रतिक्रिया।

आयोजक की फेसबुक पोस्ट पर जो नाम दिए गए हैं उनमें प्रदेश स्तरीय भाजपा पदाधिकारी का नाम दिया गया है उन्हें इस तरह की बैठक लेने के लिए प्रदेश भाजपा या जिला भाजपा के पदाधिकारियों के निर्देश थे? चौथा इस स्नेह में साजिश नहीं थी तो जिला भाजपा के सिरोही शहर में ही रहने वाले उपाध्यक्षों ताराराम माली और नारायण देवासी के अलावा भाजपा सिरोही नगर मंडल के अध्यक्ष लोकेश खंडेलवाल, ताजा ताजा भाजयुमो जिलाध्यक्ष बने गोपाल माली की गैर मौजूदगी क्यों रही?
-अधिकांश ‘पूर्वÓ और ‘निवर्तमानोंÓ का जमावड़ा
भाजपाइयों का ये अद्भुत स्नेह मिलन भाजपा संगठन ही नहीं सामान्य जन को भी गले नहीं उतर रहा था। आमतौर पर सामान्य राजनीतिक शिष्टाचार ये ही है कि किसी भी संगठन के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारी को कोई खुशी उडेलनी हो या फिर स्नेह की वर्षा करनी होती है तो वो संगठन के मौजूदा पदाधिकारियों के साथ भी इसे बांटते हैं या फिर उस बारिश में भिगोते हैं। लेकिन, सिरोही में इसके उलट हुआ।

ये स्नेह एकाध को छोड़कर जिला, मंडल व मोर्चे के किसी पदाधिकारी पर नहीं बरसा। जबकि कुछ तो जिला मुख्यालय पर ही थे। फेसबुक की पोस्ट और व्हाट्सएप पर भाजपा के समूहों में इस स्नेह मिलन को लेकर हो रहे मंथन में जो नवनीत निकलकर आया वो ये है कि कथित प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी आने वाले विधानसभा चुनावों में सिरोही को भाजपा की खालसा भूमि मानकर खुदकि चुपके से दावेदारी की फिराक में हैं।

ये भी चर्चा है कि वो ये सोच रहे हैं कि ‘मैया मोरी मै नहीं माखन खायोÓ की तर्ज पर जिला भाजपा के अलावा पूरा सिरोही ये मान लेगा। लेकिन, इस स्नेह मिलन के बाद मुंह पोछने के बाद भी उनके मुंह पर चिपके माखन के अवशेषों ने सबकुछ आड़े ला दिया है। भाजपा संगठन और व्हाट्स एप समूहों में ये भी चर्चा है कि जाने अनजाने माखन की इस परोसकारी में भाजपा और आरएसएस के मूल और अनुशांगिक संगठनों के कुछ पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी लग गए।

लगातार….