जोधपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार पर राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने में नकारात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस कारण अभी तक इसे मान्यता नहीं मिल सकी हैं लेकिन इस भाषा को मान्यता दिलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए जल्द ही राज्य में एक बैठक आयोजित की जाएगी।
गहलोत ने रविवार को यहां दैनिक जलतेदीप तथा मासिक माणक पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित माणक अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में समाचार पत्रों का अह्म योगदान बताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। केन्द्र सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण अभी तक राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिल सकी है। जल्द ही राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक बैठक आयोजित की जाएगी।
गहलोत ने कहा कि विविधताओं से परिपूर्ण हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी का स्थान महत्वपूर्ण है। असहमति जताने के अधिकार को संरक्षित करने से ही लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तथ्यात्मक आलोचना का हमेशा स्वागत किया है। परन्तु वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में अभिव्यक्ति का अधिकार लगातार कमजोर किया जा रहा है।