शिलांग। मेघालय विधानसभा ने सोमवार को प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से छठी अनसूची में नहीं शामिल क्षेत्रों समेत पूरे राज्य को नागरिकता (संशोधन) कानून 2019 से अलग रखने की गुहार लगाई है।
मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मेघालय विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन यह प्रस्ताव पेश किया जिसे ध्वनि मत से पारित किया गया। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने हालांकि इस प्रस्ताव की सामग्री को नामंजूर कर दिया और मांग की कि प्रस्ताव में केंद्र सरकार से सीएए को वापस लेने की मांग की जानी चाहिए।
प्रस्ताव में कहा गया कि सीएए कानून 12 दिसंबर 2019 को लागू हुआ है और संविधान की छठी अनुसूची के मुताबिक यह असम, मेघालय, मिजोरम या त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा।
विपक्ष के नेता मुकुल संगमा ने कहा कि सीएए को स्वीकार नहीं किया जाएगा और केंद्र सरकार ने इस कानून को तथ्यों और देश के विभाजन के इतिहास से छेड़छाड़ कर इसे न्यायसंगत बनाने की कोशिश की है।