शिलांग । मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कॉलेज शिक्षकों के लिए अंशदायी भविष्य निधि (सीपीएफ) में तीन महीने के भीतर सुधार करने के निर्देश दिये हैं जिसे पहले की तिथि से लागू किया जायेगा।
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद याकूब मीर और न्यायाधीश एस आर सेन की खंडपीठ ने मेघालय कॉलेज शिक्षक संघ (एमटीसीए) की आेर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। पीठ ने कहा, “अगर सरकार सीपीएफ और अन्य निर्देशों में सुधार करने में विफल रहती है तो उसे सरकार को अस्थायी और वित्तपोषित कॉलेज शिक्षकाें तथा कर्मचारियों को सरकारी कॉलेज के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए लागू पेंशन के नियमों के अनुरूप पेंशन देना होगा।”
न्यायालय ने सरकार को अंशदायी भविष्य निधि नियम (भारत) 1962 और असम न्यून कॉलेज कर्मचारी (पेंशन) नियम, 1998 के अनुसार सीपीएफ में तत्काल सुधार करने का निर्देश दिया। सरकार को तीन महीने के भीतर सुधार करने और उसे पहले की तारीख से लागू करने का निर्देश दिया गया है।
आदेश के मुताबिक एक अप्रैल 2010 को या उसके बाद नियुक्त हुए शिक्षकों को एक अप्रैल 2018 की बजाय एक अप्रैल 2010 से ही नवीन परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना का फायदा दिया जा सकता है।
न्यायालय ने सरकार को सेवानिवृत्त और दिवंगत शिक्षकों के लिए असम कानून एवं नियम के मुताबिक पारिवारिक पेंशन समेत सभी पेंशन लाभ प्रदान करने के लिए नियम बनाने का निर्देश दिया। पीठ ने सरकार से शिक्षकों के मासिक वेतन का भुगतान करने का भी निर्देश दिया जिन्हें कई महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है।