सेन्ट जोन्स। पंजाब नेशनल बैंक के साथ साढ़े तेरह हजार करोड़ के घोटाले में वांछित भगोड़े भारतीय हीरा व्यापारी मेहुल चौकसी के एक बार सभी कानूनी विकल्पों के खत्म हो जाने के बाद उसकी एंटीगुआ की नागरिकता रद्द कर दी जाएगी। एंटीगुआ सरकार ने यह जानकारी दी है।
एंटीगुआ ऑब्जर्वर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मेहुल चौकसी की नागरिकता रद्द किए जाने के बाद भारत को प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। एंटीगुआ के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने स्पष्ट किया है कि उनका देश, हम ऐसे अपराधियों को सुरक्षित स्थान उपलब्ध नहीं कराएंगे जो वित्तीय अपराधों में शामिल हैं। ब्राउन ने कहा कि मेहुल चौकसी की नागरिकता रद्द कर उसका भारत को प्रत्यर्पण किया जाएगा।
मेहुल चौकसी पिछले साल जनवरी में भारत से भगा था और छह महीने बाद यह जानकारी सामने आई थी कि उसने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली है। एक बार नागरिकता रद्द हो जाने के बाद मेहुल चौकसी को भारत लाया जा सकेगा।
पीएनबी का साढ़े तेरह हजार करोड़ रुपए के घोटाले का यह मामला पिछले साल सामने आया था। इसके सामने आने के बाद नरेंद्र मोदी विपक्ष के निशाने पर रही थी।
एंटीगुआ के प्रधानमंत्री ने बीते शनिवार को रेडियो के एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि मेहुल चौकसी को जब उनके देश की नागरिकता प्रदान की गई थी उस समय भारतीय अधिकारियों ने उसके किसी आपराधिक रिकार्ड की बात नहीं कही थी। मेहुल चौकसी के बारे में यह नहीं बताया गया था कि वह आर्थिक अपराध में वांछित है।
उन्होंने कहा कि चौकसी का मामला न्यायालय के समक्ष है। उसे अदालत में अपना बचाव करने का अधिकार है। वह आश्वस्त कर सकते हैं कि जब वह अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लेगा तब उसे भारत को प्रत्यार्पित कर दिया जाएगा।