आज हम आप को बता रहे है की मानसिक दबाव को किस तरह आप दूर क्र सकते हे। आज कल के लोग ऑफिस और पारिवारिक समस्याओ के बोझ तले इस तरह दबे रहते हे कि अपना मानसिक संतुलन खो देते है। और अपने आप को नुकसान पहुंचा लेते है।
समय को समझे
कुछ लोग होते है जो हमेशा ये कहते रहते है की काश ऐसा किया होता या फिर ऐसा हुआ होता| ये उनके दुखी मन का सबसे बड़ा कारण है काश| आप समय को समय रहते पहचाने और उसकी कदर करे जिसे आप भूतकाल के सुखो को याद नहीं करेगे और वर्तमान में जीते हुए अपने सही समय को पहचानेगे|
रिश्तो को मजबूत बनाये
दुखी मन का सबसे बड़ा कारण हमारे घर में ही मौजूद रहता है और वो है कमजोर रिश्ते| आप बाहर की दुनिया में कमी निकालने या उसे सुधारने से पहले खुद के घर में चल रहे रिश्तो के बिगाड़ को सही करे जिससे आपका मन भी हल्का और आपके जीवन में दुगनी गति से खुशियाँ आएगी क्योकि परिवार ही खुशियों का आधार है|
बात कह दे
अगर आपका मन किसी बात को लेकर दुखी है की किसी व्यक्ति ने ऐसा क्यों कहा या ऐसा क्यों किया तो आप उस व्यक्ति से जाकर वो बात कह दे और समाधान करले| ऐसा करने से आपके मन में बना हुआ बोझ उतर जाएगा और आपका मन शांत होने साथ साथ हल्का होगा| कभी भी किसी शख्स को लेकर मन में कोई गुबार है तो उसे कहने से ना चुके और ना ही उससे डरे बल्की सीधे कहने की हिम्मत रखे|
ध्यान करे
कई बार हमारे जीवन में कोई समस्या या किसी से कोई मतभेद ना होने पर भी मन में एक बोझ सा बना रहता है और हम कुछ ना कुछ सोचते रहते है| इसका सीधा अर्थ है की आपका मन परेशान है और चिंतित है| इसके लिए आप ध्यान करे| रोजान सुबह बीस मिनट का ध्यान करने से मन एकाग्र होता है और आपका दुखी मन भी खुश होने लगता है|
अधिक ना सोचे
हमारे मन के दुखी होने की सबसे बड़ी वजह है की हम सोचते ज्यादा है| अधिक सोचने से और अधिक दिमाग लगाने से मन में दुःख आता है और हम परेशान होते है| इसीलिए किसी भी काम या व्यक्ति के बारे में अधिक ना सोचे अगर आपको उससे कोई मतलब नहीं है| बल्कि आप जो कर रहे है वो करते रहे और उसी में अपना मन लगायें|
इमानदारी
कई बार हमे लगता है की फला व्यक्ति के साथ हमने गलत किया और उसका समाधान नहीं किया जा सकता और ये सब हमारे ईमानदार ना होने की वजह से होता है| अगर आप अपने काम को लेकर, अपनी बातो को कहने को लेकर और अपनी सोच को लेकर इमानदार है तो आपका मन कभी दुखी नहीं होगा और आपको हमेशा आगे बढ़ते चले जायेगे|