जयपुर राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में कक्षा नौ से बारहवीं तक की बालिकाओं के लिए भी मिड-डे-मील शुरु किए जाने पर विचार कर रही है।
डोटासरा आज यहां शिक्षा संकुल में अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से सहयोग किए जाने का आग्रह किया है। राज्य सरकार अपने स्तर पर भी राशि का प्रावधान कर इस संबंध में जल्द काम करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि बालिकाओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही उनका समुचित पोषण भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ाव देने के साथ ही उनके सर्वांगीण विकास के मद्देनजर कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में सभी स्तरों पर मोनिटरिंग की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। पूर्व की तुलना में चार गूना अधिक मोनिटरिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि विद्यालय में पढ़ने वाली बालक-बालिकाओं को फोर्टिफाइड पोषाहार मिले। उन्होंने कहा कि इसी संबंध में कूक एवं हेल्पर के प्रशिक्षण की भी पृथक से व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है ताकि वे विद्यालयों में स्वच्छता रखते हुए बेहतर पोषाहार विद्यार्थियों को दे सकें।
डोटासरा ने बालिका शिक्षा वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरुरत बताते हुए कहा कि एक बालिका यदि परिवार में पढ़ जाती है तो पूरा परिवार शिक्षित हो सकता है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को शिक्षित करने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की भी आवश्यकता है। इसीलिए राज्य के विद्यालयों में बालिकाओं को शिक्षा के साथ उनकी कौशल दक्षता पर विशेष ध्यान दिया गया है। बालिकाओं को आत्म सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने की भी पहल की गयी है।
उन्होंने बताया कि जन सहयोग से प्रदेश के सौ से अधिक बालिकाओं के नामांकन वाले एक हजार विद्यालयों में इन्सीनेरेटर, डिस्पेंसर मशीन की स्थापना की पहल की गयी है। उन्होंने कहा कि समाज में बालिकाओं को आगे बढ़ने के अवसर दिए जाने चाहिए। इसके लिए वातावरण बनाने की जरूरत है।
डोटासरा ने अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिकाओं द्वारा जूड़ो-कराटे के साथ ही आत्म सुरक्षा के लिए दिए गए प्रशिक्षण के डेमो का अवलोकन भी किया।