अजमेर। राजस्थान में अजमेर के दरगाह परिसर स्थित बाबा फरीद का चिल्ला मोहर्रम मिनी उर्स के मौके पर परम्परागत तरीके से 72 घंटों के लिए खोल दिया गया। चिल्ला खुलने के साथ ही अकीदतमंदों की भीड़ चिल्ले की जियारत के लिए उमड़ पड़ी। बाबा फरीद की दरगाह पाकिस्तान के पाकपट्टनम में है जहां इन दिनों उर्स चल रहा है।
अजमेर दरगाह शरीफ में रहकर हजरत बाबा फरीद गंज शकर ने इबादत की थी। यही कारण है कि उनका यहां चिल्ला है जिसे मोहरर्म की चार तारीख को तीन दिन खोले जाने की परम्मपरा है। जायरीन चिल्ला खुलने की प्रतीक्षा करते हैं।
अजमेर दरगाह क्षेत्र मोहर्रम की गतिविधियों से आबाद है जहां धार्मिक परम्मपरा का निर्वहन हो रहा है वहीं मुस्लिम युवक रात में हरे लिबास में ढोल ताशों के साथ सड़कों पर नजर आते है । वे मातमी धुन के साथ पैगम्बर मोहम्मद साहब के पोते इमाम हुसैन की याद को शाहदत के प्रतीक पेश कर गमगीन दिनों की याद को ताजा करते हैं।
मोहर्रम के मौके पर 25 जुलाई को ख्वाजा गरीब नवाज की महाना छठी भी मनाई जायेगी । 28 जुलाई को जुम्मे की नमाज होगी और 29 जुलाई को ताजिये की सवारी से पहले दरगाह ढ़ाईदिन के झौपड़े अंदरकोटियान पंचायत की सदारद में नंगी तलवारों से हाईदौस खेला जाएगा। इस्लामिक क्लैंंडर की दस तारीख को ताजिये की सवारी निकाली जाएगी जो सुबह पांच बजे दरगाह के पीछे झालरे में सैराब होगी।