अभी तक देशवासियों ने विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को झाड़ू लगाकर सफाई करते हुए देखा होगा लेकिन अब इन सबसे दो कदम आगे बढ़कर एक मंत्री ने खुद ही गंदे नाले में उतर कर साफ सफाई की। मंत्री ने नाले की सफाई कर जनता को एक अच्छा संदेश भी दिया है कि सफाई के लिए कोई मंत्री नहीं बल्कि मैं एक आम आदमी की तरह हूं। आइए अब आपको बताते हैं यह मंत्रीजी कौन है हम बात करेंगे मध्य प्रदेश की।
इस राज्य में कांग्रेस की सरकार है मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं। कमलनाथ सरकार के खाद्य मंत्री हैं प्रद्युम्न सिंह तोमर। रविवार को मध्यप्रदेश के खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर के बिरला नगर इलाके में पहुंचे जहां उन्हें शिकायत मिली कि इलाके के एक गंदे नाले में इतनी गाद हो गयी है कि पानी बैक मारने के चलते कई बार कॉलोनी में गंदी पानी सड़कों पर बहने लगता है। इसके बाद मंत्री तोमर ने बिल्कुल देखने की और झट से उसी गंदे नाले में उतर गए।
मंत्री के नाले सफाई के दौरान उनके सुरक्षा में कई पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ सैकड़ों लोग मौजूद रहे, लेकिन मंत्री तोमर ने कोई शर्म नहीं की और नाले की पूरी तरह सफाई कर डाली। क्षेत्रीय जनता ने मंत्री के इस अच्छे कार्य के लिए उनकी जमकर प्रशंसा की। यहां हम आपको बता दें कि प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पहली बार इस तरह सफाई नहीं की है। इससे पहले भी तोमर ग्वालियर के एक इलाके में नाली में उतरे में थे और नाली साफ की थी जिसकी सबने तारीफ की थी। वहीं दो दिन पहले तोमर ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन में जाकर शौचालय भी साफ किया था।
स्वछता भारत अभियान को मुख्यतः भाजपा सरकार को श्रेय दिया जाता है
वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे तब उन्होंने साफ-सफाई पर बहुत जोर दिया था। पीएम मोदी ने देश के कई स्थानों पर कई बार झाड़ू लगाकर देश की जनता को सफाई करने के लिए आह्वान भी करते हैं। पीएम मोदी हर वर्ष महात्मा गांधी की जयंती यानी 2 अक्टूबर को झाड़ू लगाकर स्वच्छता अभियान को गति देते हैं। पीएम मोदी के इस अभियान को कांग्रेस ने कई बार मुद्दा भी बनाया है।
पीएम मोदी के झाड़ू अभियान को कांग्रेस नेता सिर्फ चुनावी स्टंट मानकर विरोध करते हैं। पीएम मोदी के आव्हान पर भाजपा शासित राज्य सरकारों में भी स्वच्छता अभियान को वहां के मुख्यमंत्री और मंत्री आगे बढ़ाते हैं। लेकिन कोई कांग्रेस शासित प्रदेश में मंत्री खुद ही स्वच्छता भारत अभियान में नाले की सफाई करें तो उसकी प्रशंसा भी की जानी चाहिए। वैसे कई सामाजिक कार्य ऐसे भी होते हैं कि जनता की कसौटी पर खरा उतरना पड़ता है, तभी जनता आपकी सराहना करती है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार