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Minister clears committee constitute only during election Code of conduct - Sabguru News
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स्वात्तशासन मंत्री बोले लोकसभा चुनाव तक थी माउण्ट आबू की निर्माण समिति

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स्वात्तशासन मंत्री बोले लोकसभा चुनाव तक थी माउण्ट आबू की निर्माण समिति
mount abu
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। विधानसभा में अनुदान मांगों के दौरान सदन में सिरोही विधायक संयम लोढ़ा द्वारा माउण्ट आबू में मकान मरम्मत, निर्माण आदि के लिए बनाई गई कमेटी के संबंध में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि यह समिति सिर्फ लोकसभा चुनावों तक के लिए थी। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनावों की आचार संहिता के कारण वहां जनप्रतिनिधियों की बैठक नहीं बुलवाई जा सकती थी इसलिए यह समिति बनाई थी।
अनुदान मांगों के दौरान लोढ़ा ने कहा कि सरकार की सबसे कमजोर प्राथमिकता में राजस्थान की शान माउण्ट आबू है। उन्होंने स्वायत्त शासन मंत्री से आबू विकास समिति की बैठक बुलवाने का अनुरोध किया। जिससे कुदरत द्वारा दी गई जगह को आप पर्यटकों को और आकर्षित कर सकें।

उन्होंने कहा कि वहां कि वहां पर सुप्रीम कोर्ट ने ईको सेंसेटिव जोन के तहत मॉनीटरिंग कमेटी बनाई। इसका कार्य रिपेयर, रिनोवेशन आदि की जांच करके अनुमोदन करना और नगर पालिका द्वारा इसे स्वीकृति दिया जाना था। दो साल में मॉनीटरिंग कमेटी ने एक पत्रावली निस्तारित नहीं की। 10 अक्टूबर 2015 को पर्यावरण मंत्रालय ने मास्टर प्लान का नोटिफिकेशन किया। मंत्री से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने मंत्रालय संभालते ही 9 मार्च 2019 को बिल्डिंग बायलॉज के लिए नोटिफिकेशन जारी किया।

उन्होंने कहा कि 1 अप्रेल, 2019 को स्वायत्त शासन विभाग के डायरेक्टर ने निर्माण इजाजतों के लिए कमेटी बनाई। इसमें शहरी क्षेत्र में उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में आयुक्त और सीनीयर टाउन प्लानर को तथा ग्रामीण क्षेत्र में उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्ष में बीडीओ और सीनीयर टाउन प्लानर की एक समिति बना दी।उन्होने स्वायत्त शासन विभाग द्वारा निर्माण मरम्मत की समिति को समस्त अधिकार देकर नगर पालिका और ग्राम पंचायत की समिति के जनप्रतिनिधि के अधिकारों का हनन करने के सरकारी की मंशा पर सवाल खड़ा कर दिया।

इस पर स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लगने के कारण वहां जनप्रतिनिधि काम नहीं कर सकते थे। निर्माण-मरम्मत की कई पत्रावलियां पेंडिंग थी इसलिए लोकसभा चुनावों की आचार संहिता तक के लिए यह कमेटी थी। धारीवाल के जवाब पर लोढ़ा ने तुरंत कहा कि ऐसा था तो आप उस कमेटी के ऑर्डर को विड्रॉ करते। मैं उस जिले से आता हूं अब तक ऐसा नहीं हुआ। धारीवाल ने कहा कि आपने अब तक कुछ बताया नहीं। इस पर सभापति ने कहा कि आज बता दिया।
-कहा था ‘अब मैं हूं आपका अधिवक्ता’
माउण्ट आबू नगर पालिका क्षेत्र यूं पिण्डवाड़ा-आबू विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। वहां के विधायक समाराम गरासिया हैं। भाजपा का बोर्ड है। वहां के जनप्रतिनिधियों के अधिकारियों को अतिक्रमित करते हुए सरकार ने बिल्डिंग बायलॉज बनने के बाद भी वहां भवन निर्माण एवं मरम्मत के कामों के लिए उपखण्ड अधिकारी माउण्ट आबू की अध्यक्षता में एक कमेटी बना दी।

गत महीने माउण्ट आबू आगमन के दौरान माउण्ट आबू पालिकाध्यक्ष समेत अन्य जनप्रतिनिधि संयम लोढ़ा से मिले थे। इसके बाद एक प्रतिनिधि मंडल ने उनसे सिरोही सर्किट हाउस में मुलाकात की थी। दोनों जगह उनसे जनप्रतिनिधियों के अधिकारों को अतिक्रमित किए जाने की व्यथा बताई गई थी। सिरोही सर्किट हाउस में प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें माउण्ट आबू से संबंधित संपूर्ण जानकारी देते हुए तमाम दस्तावेज दिए थे।

करीब 15 मिनट तक हुई चर्चा में उन्हें बताया गया कि किस तरह से राज्य सरकार ने निर्माण-मरम्मत के लिए उपखण्ड अधिकारी, आयुक्त और सीनीयर टाउन प्लानर की एक कमेटी बनाई है। उन्हें बताया गया कि यह अधिकारी भवन निर्माण समिति का है। लोढ़ा ने संपूर्ण जानकारी लेने के बाद कहा था कि अब सरकार के सामने इस प्रकरण का मै अधिवक्ता हूं आप निश्चिंत हो जाइए। वैसे इस क्षेत्र की समस्या के लिए पिण्डवाड़ा-आबू के विधायक समाराम गरासिया को करनी चाहिए थे, जो नहीं होने पर लोढ़ा ने उस जिम्मेदारी को निभाया।