लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर एवं फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पाटी की हार और बहुजन समाज पार्टी एवं समाजवादी पार्टी के गठबंधन के मद्देनजर योगी मंत्रिमंडल का विस्तार अगले महीने होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण से अति पिछड़ों के लिए अलग से कोटा तथा अनुसूचित जाति के 21 प्रतिशत आरक्षण में से अति दलितों का कोटा तय करने की घोषणा करने से लगने लगा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में भी अति पिछडों एवं अति दलितों को अधिक महत्व दिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने सदन में वर्ष 2018-19 के बजट चर्चा का जवाब देते हुए विधानसभा में मंगलवार को कहा था कि प्रदेश में अति पिछड़ों एवं अति दलितों को अलग से आरक्षण कोटा तय करने पर विचार के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी सूत्रों ने बताया कि अगले माह अप्रेल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के प्रदेश दौरे पर आने के आसपास मंत्रिमंडल में विस्तार किया जा सकता है। भाजपा वर्ष 2019 के आम चुनावों को देखते हुए तैयार रणनीति के तहत राज्य मंत्रिमंडल में पिछड़ा वर्ग के और नेताओं को शामिल किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में जाति आधारित सपा एवं बहुजन समाज पार्टी बसपा का गठबंधन होने के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार करना लाजमी हो गया है, क्योंकि इनके गठबंधन के कारण भाजपा गत दिनों गोरखपुर एवं फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में मात खा चुकी है।
इन दोनों लोकसभा उपचुनाव में हार के कारणों पर मंथन करते हुए दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रियों ने प्राप्त फीड बैक में सामने आया कि प्रदेश में पिछड़ वर्ग के मतों के कारण ही भाजपा सत्ता में आई थी लेकिन मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व करने के लिए मंत्रिमंडल में इस वर्ग के पर्याप्त नेता नहीं लिए गए है।
योगी मंत्रिमंडल में 47 मंत्री है और इसके विस्तार में मंत्रियों की संख्या 60 तक पहुंच सकती है। 13 मंत्री अन्य पिछड़ा वर्ग से बनाए जा सकते है। इसके अलावा पार्टी पिछड़ा वर्ग से विधान परिषद सदस्य की 10 सीटें भर सकती है जिन पर मई 2018 में चुनाव होने वाले है।
सूत्रों का कहना है कि इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के नेता एवं राज्यमंत्री स्वतंत्र देव सिहं को केबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है तथा आगरा से विधायक जी एस धर्मेश को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है। इसी प्रकार भाजपा गठबंधन में शामिल अपना दल एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुखों को मंत्रिमंडल विस्तार में और अच्छा पद दिया जा सकता है।
अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल एवं सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर तो गत दिनों पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मिलकर सरकार में अधिक प्रतिनिधित्व देने की मांग कर चुके हैं।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में 11 यादव उम्मीदवारों में से नौ ने जीत दर्ज की थी लेकिन मंत्रिमंडल में गिरिश चन्द्र यादव को ही राज्यमंत्री बनाया गया है तथा हरनाथ सिंह यादव को राज्यसभा के लिए चुना गया है। यादवों को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए फैजाबाद से विधायक राम चन्द्र यादव को विस्तार में स्थान दिया जा सकता है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चन्द्र मोहन ने मंत्रिमंडल विस्तार पर तो कुछ कहने से मना कर दिया। लेकिन एक वर्ष का सरकार का शासन पूरा होने पर मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल सदस्यों के कामकाज का मूल्याकंन अवश्य कर रहे और इस आधार पर मंत्रिमंडल में कुछ परिवर्तन हो सकता है।