चित्तौड़गढ़। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के विजयपुर थाना क्षेत्र में हुई एक युवक की हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए हत्या के आरोप में मृतक की ही नाबालिग पत्नी को किशोर एवं बाल न्याय अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत निरूद्ध किया है।
पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बताया कि गत 20 जनवरी को विजयपुर ग्राम के बाहर सड़क किनारे सुनसान स्थान पर एक युवक का लहुलुहान शव पड़ा मिला जिसकी मौके पर ही हत्या की गई थी। मृत युवक की पहचान क्षेत्र के गांव मायरा निवासी रतनलाल भील के रूप में हुई।
थानाधिकारी दीपक बंजारा ने उक्त हत्या के मामले में जांच की तो पता चला कि मृतक बेहद सीधा और भोला भाला इंसान था जिसे उसकी पत्नी जो नाबालिग है वह पसंद नहीं करती थी, इसी नापसंदगी के चलते वह पूर्व में उसे छोड़कर चली गई थी लेकिन माता पिता उसे पुनः ससुराल ले आए थे।
इसी सूत्र के आधार पर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह टूट गई और उसने बताया कि उसने रतन से छुटकारा पाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से घटना के दिन आधी रात को घर से बाहर ले गई और सुनसान स्थान पर उसके हाथ पैर बांधने के बाद उसके सिर पर भारी पत्थर व अपने साथ लाई हुई पत्थर टांचने की टांकी से भी सिर पर वार कर हत्या कर दी व पुनः घर आकर सो गई।
पुलिस ने उसे बाल एवं किशोर न्याय अधिनियम के तहत निरूद्ध कर रात को ही बाल अधिकारिता मंच अध्यक्ष रमेशचंद्र दशोरा के समक्ष पेश कर दिया। अध्यक्ष दशोरा ने बताया कि दस्तावेजों के अनुसार आरोपित किशोरी की आयु 15 वर्ष छह माह है लेकिन आज उसका मेडिकल करवाए जाने के बाद ही वास्तविक आयु का पता चल सकेगा। उन्होंने बताया कि आरोपित को संरक्षण गृह में रखा गया है और उसकी विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग कर घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली जा रही है।
इधर पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि आरोपित के किसी अन्य के साथ प्रेम संबंध थे और वह अपने पति रतन से छुटकारा चाहती थी लेकिन उसके प्रेमी के घटना में शामिल होने के प्रमाण नहीं होने से इस तथ्य का केस डायरी में उल्लेख नहीं किया गया है।