श्रीनगर। अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को शुक्रवार को घर में नजरबंद कर लिया गया। मीरवाइज गत 19 मार्च को जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह की निगरानी में हुई प्रधानाचार्य रिजवान असद पंडित की मौत के विरोध में प्रदर्शन करने वाले थे।
इसके अलावा अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी जो कई महीनों से घर में नजरबंद हैं, उन्हें कोई राहत नहीं मिली है और उन्हें नजरबंद रखा गया है जबकि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक जम्मू जेल में बंद हैं।
राज्य पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान शुक्रवार सुबह मीरवाइज के घर तैनात कर दिए गए। मीरवाइज ऐतिहासिक जामा मस्जिद में जन समूह को संबोधित करने के बाद रैली का नेतृत्व करने वाले थे।
मस्जिद के सभी दरवाजे हालांकि सुबह से बंद कर दिए गए तथा वहां बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई जिससे मस्जिद में किसी को जाने नहीं दिया जाए। गौरतलब है कि ज्वाइंट रेजिसटेंस लीडरशिप द्वारा रिजवान की मौत के विरोध में शुक्रवार की नमाज के बाद विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन का आह्वान किया गया था जिसके बाद मीरवाइज पर प्रतिबंध लगाया गया और उसे नजरबंद रखने का फैसला किया गया।
एचसी के प्रवक्ता ने कहा कि मीरवाइज को अगले आदेश तक घर में नजरबंद रहने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी को पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए फिदायीन हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मीरवाइज की सुरक्षा हटाने का फैसला किया था।
मीरवाइज को राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दिल्ली मुख्यालय में 11 मार्च और 18 मार्च को दो बार तलब किया गया था लेकिन दोनों बार मीरवाइज ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए एनआईए से दिल्ली की जगह श्रीनगर में पूछताछ करने की अपील की थी। पुलवामा हमले के बाद जेकेएलएफ के अध्यक्ष मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया था और उन्हें जम्मू के कोतबालवल जेल में बंद किया गया है।