मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में अपनी पुत्री की शादी की पूरी तैयारी कर चुके एक परिवार पर उस समय संकट छा गया जब दूल्हा और उसके परिजनों ने दहेज के लिए मुकर्रर तिथि से एक दिन पहले शादी करने से इंकार कर दिया। अचानक उत्पन्न इस स्थिति से कन्या पंक्ष के लोगों को कुछ सूझ नहीं रहा था कि इस बीच एक दूसरे युवक ने कन्या का हाथ थाम कर हताश और निराश परिवार को खुशी दे दी।
पारिवारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि लालगंज क्षेत्र के अतरी गांव निवासी छोटेलाल की पुत्री ममता की शादी इसी थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी दादू के पुत्र के साथ दिनांक दो जुलाई को तय थी। शादी के पहले की सारी वैवाहिक औपचारिकता पूर्ण हो चुकी थी। कन्या पंक्ष के यहां भी पूरी तैयारी कर ली गई थी। नात रिश्तेदारों का भी जमावड़ा हो गया था। मटमगरा और भत्तवान जैसे वैवाहिक कार्यक्रम भी पुरे हो चुके थे। अचानक एक जुलाई को दूल्हा और वर पक्ष के लोग दहेज में अपाचे बाईक की मांग को लेकर अड गए।
उन्होंने बताया कि छोटेलाल ने इस समय देने में अपनी असमर्थता व्यक्त की। नातेदारो एवं समाज के प्रतिष्ठित लोगों ने भी मान मनौव्वल की। दूल्हा व उसके परिवार के लोग नहीं टस से मस नही हुए। किसी भी स्थिति में बगैर बाईक के शादी करने को तैयार नहीं हुए। एकाएक आए इस संकट से परिवार में रोना पीटा होने लगा।
किसी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। अचानक विजय देवदूत की तरह सामने आया। उसने शादी करने का प्रस्ताव रखा। जिले के हलिया थाना क्षेत्र के सगहरा गांव निवासी रामचरण के पुत्र विजय को अच्छी तरह जानते थे। फिर क्या था छोटेलाल को सूचना दी गई। वह भी अपने बेटे के फैसले पर हांमी भर दी। पूर्वनिर्धारित दो जुलाई को सगहरा से बारात लेकर आया। विजय और ममता का विवाह पूरे विधि-विधान से सम्पन्न हुआ। बेटी के हाथ पीले होने पर छोटेलाल के चेहरे पर संतोष का भाव था। इस शादी की पूरे क्षेत्र में चर्चा है।