बैंकाक। थाईलैंड के चियांग राई प्रांत में नौ दिन पहले लापता हुए 12 जूनियर फुटबॉल खिलाड़ी और उनके सहायक कोच एक गुफा के अंदर जीवित तो मिल गए हैं लेकिन उन्हें बाहर निकालने में कम से कम चार माह का समय लग सकता है।
थाईलैंड की गुफा थैम लुआंग में 10 दिन से फंसे फुटबॉल टीम के खिलाड़ियों और उनके कोच को ब्रिटिश गोताखोरों ने सोमवार शाम खोज निकाला। ये सभी जिंदा हैं। इन मेंसे दो खिलाड़ी घायल हैं। अब गुफा के अंदर फाेन केबल्स डाली जा रही हैं ताकि वे अपने परिजनों से बात कर सकें।
थाईलैंड की सेना का कहना है कि गुफा से बाहर आने के लिए इन बच्चों को तैराकी सीखनी होगी या फिर उन्हें बाढ़ का पानी उतरने का इंतजार करना होगा। इसमें चार महीने यानी अक्टूबर तक का वक्त लग सकता है।
अब बच्चों के लिए चार महीने का खाना जुटाने पर भी विचार किया जा रहा है। दरअसल, ये सभी गुफा द्वार से करीब चार किलोमीटर अंदर एक उच्चे टीले पर पाये गये हैं जहां अंदर जाने का पर्याप्त रास्ता नहीं है।
गुफा में इतना ज्यादा पानी भरा है कि पंप से हर घंटे 10 हजार लीटर पानी निकालने के बाद भी एक घंटे में जल स्तर एक सेंटीमीटर तक ही कम हो पा रहा है। वहीं, बुधवार से दोबारा भारी बारिश का अनुमान है। बचाव के काम में ब्रिटेन, चीन, म्यांमार, लाओस, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के विशेषज्ञों की टीम को लगाया गया है।
प्रांत के गवर्नर नारोंगसाक ओसोत्तानाकोर्न ने बताया कि 11 से 16 वर्ष की आयु के बीच के 12 लड़के और 25 वर्षीय सहायक फुटबॉल कोच 23 जून को अभ्यास के बाद से लापता हो गए थे। वे फुटबॉल के अभ्यास के बाद थैम लुआंग गुफा परिसर में घूमने गए अौर उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चल सका था।
उनकी खोज के लिए अंतरराष्ट्रीय बचाव अभियान चलाया गया हालांकि खराब मौसम और भारी बारिश के कारण राहत एवं बचाव कार्य में काफी बाधाएं आ रही थी। बचाव दल गुफा परिसर में कीचड़ और गहरे पानी में उनकी तलाश कर रहे थे। नौ दिन के अथक प्रयास के बाद ब्रिटीश गोताखोरों ने सभी 13 लोगों को जीवित खोज निकाला।
ओसोत्तानाकोर्न ने बताया कि बचावकर्मी गुफा के भीतर एक ऊंचे टीले जिसका नाम ‘पट्टाया बीच’ रखा गया है, पर ध्यान केंद्रित किए हुए थे। गुफा में बाढ़ का पानी घुसने के बाद संभवत: इसी टीले ने लड़कों को शरण दी।
बचावकर्मियों ने पट्टाया बीच से 400 मीटर की दूरी पर सभी लापता लोगों को सुरक्षित स्थिति में देखा और उनके परिजनों काे इसका जानकारी दी। चिकित्सकों के एक दल ने गुफा के अंदर जाकर उनके स्वास्थ्य की जांच की है। गुफा में पानी भरे होने के कारण उन्हें अभी गुफा से बाहर नहीं निकाला जा सका है।