अजमेर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में चिंहित, जन्मजात दिल की बीमारी से ग्रसित 5, 8, व 9 साल के तीन बच्चों का अजमेर के मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में निःशुल्क उपचार हो गया। अब वे स्वस्थ हैं, उन्हें हाॅस्पिटल से छुट्टी दी जा चुकी है। बच्चों का चयन पाली के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की मोबाइल हैल्थ टीम ने आंगनबाड़ी केंद्र एवं स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान किया था।
जानकारी के अनुसार जन्मजात दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित पाली के इन बच्चों में एक पांच वर्षीय बालक आयुष सोलंकी को गांव बागड़ी के आंगनबाड़ी केन्द्र से, मेघवालों का वास बोरुदी निवासी 8 वर्षीय निर्मल सापला को राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल बोरुदी, से तथा गांव खोली निवासी 9 वर्षीय रुद्रप्रताप सिंह को मोबाइल हैल्थ टीम ने स्क्रीनिंग के दौरान चिंहित कर जिला स्तर पर रैफर किया था।
बच्चों के अभिभावकों के अनुसार सीएमएचओ डाॅ. आरपी मिर्धा, आरसीएचओ डाॅ. उजमा जबीन तथा एडीएनओ डाॅ शिवशंकर शर्मा, ने पीड़ित परिवारों की बहुत मदद की। उन्होंने ही बच्चों को कोरोना काल में भी सुरक्षित अजमेर के मित्तल हाॅस्पिटल भेजा जहां वरिष्ठ कार्डियोलाॅजिस्ट डॉक्टर राहुल गुप्ता एवं हार्ट एंड वास्कुलर सर्जन डाॅ विवेक रावत ने बच्चों के एक ही दिन में आॅपरेशन कर दीपावली से पहले ही उनकी जन्मजात दिल की तकलीफ का निदान कर दिया।
पीडीए डिवाइस से बंद किया आयुष के दिल का छेद
मित्तल हाॅस्पिटल के कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ राहुल गुप्ता के अनुसार बागड़ी, पाली निवासी फैक्ट्री मजदूर हरीश कुमार सोलंकी के 5 वर्षीय पुत्र आयुष सोलंकी के दिल का छेद बिना चीरफाड़ के पीडीए डिवाइस द्वारा बंद कर दिया गया। आयुष को सर्जरी के दूसरे ही दिन अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। आयुष की अब सांस नहीं फूलती उसकी सर्दी-जुखाम की परेशानी भी दूर हो गई। आयुष अब स्वस्थ बालकों की तरह जीवन यापन करने लगा है।
छोटी सी उम्र में करनी पड़ी ओपन हार्ट सर्जरी
हार्ट एंड वास्कुलर सर्जन डाॅ विवेक रावत ने बताया कि निर्मल सापला और रुद्र प्रताप सिंह दोनों बच्चों के जन्मजात दिल में छेद की बीमारी थी। इसकी वजह से बच्चों का समान्य बच्चों की तरह विकास नहीं हो पा रहा था। उन्हें हमेशा सर्दी, जुखाम रहता था, शरीर में कमजोरी महसूस होती थी। खेलते हुए बच्चे जल्दी थक जाते थे, सांस फूलने व घड़कन तेज होने की शिकायत रहती थी। डाॅ विवेक रावत ने ओपन हार्ट आपरेशन कर दोनों बच्चों के दिल में छेद को बंद कर दिया। आपरेशन के पांचवें दिन बच्चों की हाॅस्पिटल से छुटटी कर दी गई।
पाली के एडीएनओ डाॅ शिवशंकर शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) अन्तर्गत सभी सरकारी विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर समर्पित मोबाइल हैल्थ टीम के द्वारा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। बच्चों में संभावित विकारों की जांच कर उन्हें संबंधित गठित समिति द्वारा चिंहित किया जाता है और उन्हें बड़े चिकित्सालयों में भेज कर सूचिबद्ध 30 चिंहित बीमारियों जैसे हृदय में वाॅल्व की खराबी, दिल में छेद, अन्य दिल संबंधित जन्मजात विकार आदि में निःशुल्क रोग निदान मुहैया कराया जाता है।
60 से अधिक बच्चों का आरबीएसके में हो चुका उपचार
निदेशक मनोज मित्तल ने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल ने अब तक तकरीबन 60 से अधिक बाल रोगियों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत तथा लगभग 3675 रोगियों को आयुष्मान भारत महात्मागांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निशुल्क उपचार मुहैया कराया है। जिसमें कार्डियक सर्जरी, एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर, बाइपास व वाल्व सर्जरी, कैंसर सर्जरी, स्पाइन व न्यूरो सर्जरी, डायलिसिस, पथरी, प्रौस्टेट एवं मूत्र रोग से संबंधित सभी तरह की सर्जरी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पंद्रह सालों से एक ही छत के नीचे समस्त सुपरस्पेशियलिटी जैसे हृदय रोग, कैंसर रोग, गुर्दा रोग, न्यूरो सर्जरी, न्यूरो फिजीशियन, पथरी, प्रोस्टेट एवं मूत्र रोग एवं गेस्ट्रोएण्ट्रोलाॅजी आदि भरोसेमंद चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करा रहा है। हॉस्पिटल के दक्ष एवं अनुभवी चिकित्सकों की टीम मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
गौरतलब है कि आरबीएसके एवं भामाशाह जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं में स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने में पाली विधायक ज्ञानचंद पारख का बड़ा सहयोगात्मक प्रयास रहता है। जिनके मार्ग दर्शन से ही रोगियों के परिवारजनों को मित्तल हाॅस्पिटल की दिशा मिलती है। विगत पांच वर्षों से मित्तल हाॅस्पिटल के चिकित्सकों द्वारा पाली सेवा मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में हर माह निशुल्क चिकित्सा एवं परामर्श उपलब्ध कराया जाता रहा है।
पाली सेवा मण्डल के प्रमोद जैथलिया ने बताया कि विधायक ज्ञानचंद पारख के प्रेरक प्रयासों से 200 से अधिक रोगियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं में निशुल्क आपरेशन का लाभ मिल चुका है, इतना ही नहीं पालीवासियों को आपरेशन के उपरांत की चिकित्सा सुविधा भी पाली में ही निशुल्क मिल पा रही है।