एजल। मिजोरम में विपक्षी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल कर 10 वर्ष बाद सत्ता में आ गया है।
पिछले 10 वर्ष से राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है इस हार के साथ ही उसकी पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसी राज्य में सरकार नहीं बची है। एक तरह से पूर्वोत्तर क्षेत्र कांग्रेस मुक्त हो गया है।
अब तक घोषित 32 परिणामों में से एमएनएफ ने 21 सीटें जीती और वह अभी पांच सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस को सिर्फ पांच सीटों से ही संतोष करना पड़ा है। निर्दलीय उम्मीदवारों ने पांच सीटों पर विजय हासिल की है तथा तीन पर आगे चल रहे हैं।
दो बार से लगातार मुख्यमंत्री रहे और कांग्रेस नेता लल थनहवला चम्पई साउथ और सिरछिप सीटों से चुनाव हार गये हैं। वह चम्पई साउथ में एमएनएफ के नेता टी जे ललनुंतुलांगा से 856 वोटों से हार गये। जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ललदुहोमा ने सेरछिप में श्री लल थनहवला को हराया।
कांग्रेस के 76 वर्षीय नेता ललथनहवला ने दिसंबर 2008 में राज्य की सत्ता संभाली थी, तब से वह लगातार राज्य के मुख्यमंत्री थे। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों के बाद वह पांचवी बार मुख्यमंत्री बने थे जो राज्य के इतिहास में एक रिकॉर्ड है।
एमएनएफ के लॉमावमा टॉचहॉंग का अभी तक का जीत का अंतर सबसे कम है। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार लालिनपुई को 72 मतों से पराजित किया।
मिजो नेशनल फ्रंट के जोरामथंगा ने कहा कि वह चुनाव परिणामों से बहुत खुश हैं और उनकी पार्टी 10 साल बाद सत्ता से बाहर रहने के बाद फिर राज्य की बागडोर संभालेगी। सत्ता में वापसी के बाद पार्टी कार्यकर्ता राजधानी में पार्टी कार्यालय के समक्ष नाचते-गाते हुए खुशी मनाते देखे गए।