चेन्नई। द्रमुक के प्रमुख और संभावित मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात की और अगली सरकार के गठन के लिए दावा पेश किया।
स्टालिन के साथ पार्टी के महासचिव दुरैमुरुगन, संसदीय दल के नेता टीआर बालू और संगठन सचिव आरएस भारती समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राजभवन में पुरोहित से मुलाकात की तथा उन्हें पार्टी विधायक दल के नेता का वह प्रस्ताव सौंपा जिसमें स्टालिन को नेता चुने जाने की जानकारी थी।
स्टालिन ने पुरोहित को अपने सहयोगियों समेत 133 विधायकों के समर्थन संबंधी एक पत्र भी सौंपा। द्रमुक के सहयोगियों ने पार्टी के ‘उगते सूर्य’ चुनाव चिन्ह पर छह अप्रैल को संपन्न चुनाव लड़ा था। उन्होंने पुरोहित को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों की सूची भी सौंपी।
विधानसभा चुनावों में द्रमुक के जीत हासिल करने के दो दिनों बाद स्टालिन को मंगलवार को विधायक दल का नेता चुना गया। द्रमुक राज्य में 10 वर्षाें के अंतराल के बाद छठी बार सत्तारूढ़ होने जा रही है। नवनिर्वाचित विधायकों की द्रमुक कार्यालय अन्ना अरिवलयम में बैठक हुई जहां एक प्रस्ताव पारित करके स्टालिन को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया।
बाद में भारती ने संवाददाताओं से कहा कि स्टालिन को अगली सरकार गठन के लिए आज शाम तक राज्यपाल की ओर से आमंत्रण मिलने की संभावना है। कोरोना महामारी के कारण श्री स्टालिन सात मई को राजभवन में एक सादे समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भी शपथ ग्रहण करेंगे।
गौरतलब है कि छह अप्रैल को एक चरण में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में 10 वर्ष से सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक को पराजित करके द्रमुक गठबंधन ने 159 सीटों पर विजय हासिल की है। राज्य विधानसभा में 234 सीटें हैं। द्रमुक गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने 18 और वीसीके ने चार सीटें जीती हैं।
गठबंधन के अन्य सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने दो-दो सीटें जीती हैं। जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक और एम करुणानिधि के निधन के बाद द्रमुक ने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा है।