अजमेर। राजस्थान की पूर्व महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अनिता भदेल ने अजमेर के जिला प्रशासन पर अविवेकपूर्ण निर्णय का आरोप लगाया है।
अजमेर दक्षिण से विधायक भदेल ने राज्यपाल कलराज मिश्र को लिखे पत्र में अजमेर कलेक्टर के अदूरदर्शीपूर्ण निर्णय का आरोप लगाते हुए पिछले एक महीने के लॉकडाउन पर पानी फेर दिए जाने की बात कही है।
अजमेर में 28 मार्च को एक ही परिवार के पांच लोगों के मिलने के बाद संक्रमित मरीजों का सिलसिला थम गया था लेकिन कलेक्टर की ओर से अलवर गेट रेल म्यूजियम में एकसाथ 400 खानाबदोशों को ठहराना प्रशासन का बहुत बड़ा अविवेकपूर्ण निर्णय था जिसके चलते उसी स्थान से 11 संक्रमित खानाबदोश सामने आए थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि एक ही शेलटर होम में रखे गए इन खानाबदोशों को बिना स्क्रीनिंग व जांच के अन्य आश्रम स्थलों पर भेज दिया गया जहां पहले से ही एक खानाबदोश युवक मौजूद था जो जांच में पोजिटिव पाया गया।
भदेल ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ऐसी करनी से अजमेर शहर में संक्रमण बढ गया। यही कारण है कि चौबीस घंटे के अंदर ही 79 मरीजों का सामने आकर आंकड़ा 104 तक पहुंच गया।
भदेल ने अपने पत्र में बताया कि समय समय पर चेतावनी एवं सुझाव देने के बाद भी कलेक्टर का अड़ियल रवैया अजमेर शहर के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। आश्रय स्थलों पर पुलिस की पुख्ता व्यवस्था नहीं होने से वहां से भागने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है जिससे जनता भयभीत है।
उल्लेखनीय है कि जिला अथवा पुलिस प्रशासन की ओर से आज दिन तक इस बात के अधिकृत आंकड़े जारी नहीं किए गए है कि अजमेर शहर के आश्रय स्थलों में कितने लोगों को कहां कहां ठहराया गया है। स्थिति स्पष्ट नहीं होने से शहर की जनता में भ्रम और डर व्याप्त है और लोग अब अपने गली मोहल्लों को स्वयं बैरिकेटिंग कर उसकी सुरक्षा करने के लिए मजबूर हैं।