सबगुरु न्युज-सिरोही । विधायक संयम लोढा ने कहा कि राज्य सरकार को क्रेडिट कॉ ऑपरेटिव सोसायटी एवं अन्य चिटफण्ड कम्पनियो में निवेश करने वाले जमाकर्ताओ के धन की सुरक्षा के लिए जिला कलेक्टर को सम्पत्ति जब्त करने और निलाम करने के अधिकार देने चाहिये।
उन्होने कहा कि गरीब लोगो के मेहनत की कमाई के हजारो करोड रूपये इन सोसायटियो में फंस गये है और मौजूदा परिस्थितियो में इन्हे वापस प्राप्त करने का कोई रास्ता नही है। लोढा यहां कृषि विभाग (आत्मा) के हॉल में राज्य सरकार की ओर से नियुक्त सिरोही के प्रभारी मंत्री भंवरसिंह भाटी की अध्यक्षता में आयेाजित बैठक में बोल रहे थे।
उन्होने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार को निवेशको के धन की सुरक्षा के लिए नया कानून लाना चाहिये। उन्होने प्रभारी मंत्री से कहा कि वे केबिनेट की बैठक में इस संबंध में बात रखे। लोढा ने गत विधानसभा चुनाव में निर्वाचन विभाग द्वारा विडियोग्राफी का स्वीकृत टेण्डर में तय दर से तीन गुणा अधिक भुगतान का मामला भी उठाया।
उन्होने कहा कि कार्यादेश पूरे दिन के आधार पर था लेकिन भुगतान दिन की तीन पारियो में विभाजित कर तीन गुणा भुगतान उठा लिया गया। इस भुगतान पर सहायक लेखाधिकारी ने आपत्ति भी की थी लेकिन उनका निस्तारण करने की बजाय एक शिक्षक से गोल मोल टिप्पणी करवाकर भुगतान उठा लिया गया।
इससे 20 लाख रूपये की आम जनता के धन की हानि हुई है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार को भी इसकी मोबाईल पर जानकारी दी है। सूचना अधिकार के अन्तर्गत एक जागरूक नागरिक द्वारा प्राप्त किये गये समस्त दस्तावेज उन्हे प्रेषित किये जायेगे। उन्होने जिला कलेक्टर से भी कार्यवाही का आग्रह किया।
लोढा ने राष्ट्रीय राजमार्ग सिरोही शिवगंज पर बघेर टनल का उपयोग किये सिरोही शिवगंज के नागरिको से वसूली जा रही भारी भरकम राशि से मुक्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होने आदान अनुदान के बकाया राशि एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा की राशि के गलत खातो में जमा करने का मसला भी उठाया।
लोढा ने बैठक में आबकारी विभाग को आडे हाथो लिया और कहा कि सारे नियम कानून, कोर्ट सबको ताक में रखकर आबकारी विभाग ने सिरोही जिले को मयखाना बना दिया हैं। नगर पालिका कानून व पंचायतीराज कानून की खुले आम धज्जियां उडायी जा रही है।
किसी भी तरह का वाणिज्यिक निर्माण का नक्शा सक्षम संस्था से स्वीकृत न होने के बावजूद कृषि भूमि एवं आवासीय भूमि पर लोहे के केबिन खडे कर दूकाने चलायी जा रही है। नियमो के विपरित सडक पर बडे बडे होर्डिंग लगाकर शराब की दूकानो का प्रचार किया जा रहा है। तय राशि से ज्यादा पैसा वसूल किया जा रहा है और आधी रात तक दूकाने चलायी जा रही है।
उन्होने चेतावनी दी कि सरकार के मंत्री, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक को बता दिया है कि जिले भर में 250 से ज्यादा बिना स्वीकृति के शराब की दूकाने चल रही है। महिलाओ, बच्चो का जीना हराम कर रखा है। लोढा ने अनुसूचित जाति जनजाति के सभी विद्यालयो के बच्चियो के एवं केजीबीवी के समस्त वर्ग की बच्चियो के 12वीं कक्षा पास करने पर फिक्स डिपोजिट के लाभार्थीयो की संख्या पूछी तो बताया कि 2020 में मात्र 8 लडकियो को राशि देय है।
लोढा ने जिला कलेक्टर से कहा कि इसका मतलब यह है कि विद्यालय से एससी एसटी के बच्चियो की गत वर्ष में सूचीया ही नही भेजी गई। लोढा ने मीड-डे मिल पकाने वाली महिलाओ को मानदेय न मिलने के संबंध में पूछा तो कई अधिकारी जवाब देने के लिए भी उपस्थित नही थे। अन्नपूर्णा दूध की राशि के भुगतान के बारे में भी कोई जानकारी नही मिल सकी।
लोढा ने अधिकारियो से वनाधिकार पत्र के मामले में हाल में की गई पंचायत स्तर की सुनवाई में मौखिक साक्ष्य पर विचार न करने के कारण दावो का खारीज करना बताया। उन्होने बताया कि कलदरी में जिस भूमि पर नर्सरी बताकर दावा खारीज किया वहां मौके पर कोई नर्सरी ही नही है। इसी तरह आबूरोड के मोदरला में मौखिक साक्ष्य पर विचार न करने और 2006 से पूर्व का कोई साक्ष्य न होने के कारण दावा खारीज करने को उन्होने गलत बताया। किसी से भी पता करेगे तो ये जानकारी सामने आयेगी कि आदिवासी पिछली सदी से वहां रह रहे है।