बेंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा के चुनावी नतीजे सामने आने के बाद कांग्रेस अपने सभी विधायकों को भारतीय जनता पार्टी के प्रलोभन से बचाने के लिए एक रिसोर्ट में बैठक कर रही है।
कल घोषित इन नतीजों में भाजपा को 222 में से 104 सीटें मिली थी और उनके नेता येेदियुरप्पा ने राज्यपाल वाजूभाई वाला से मुलाकात कर सबसे बड़ी पार्टी हाेने का दावा करते हुए सरकार बनाने की अपनी दावेदारी पेश की थी।
इस बीच कांग्रेस और जनता दल के नेताओं जिनमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और जनता दल (एस) के नेता एच डी कुमारास्वामी शामिल थे, ने राज्यपाल से मिलकर गठबंधन सरकार के लिए अपना दावा पेश किया। दोनों पार्टियों के नेताओं ने उन्हें 118 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र भी सौंपा। इन विधायकों में दो निर्दलीय विधायक भी हैं।
कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार ने बैठक में हिस्सा लेने से पहले पत्रकारों से कहा कि हमेंं इस बात की जानकारी मिल रही है कि भाजपा हमारे विधायकों से संपर्क करने की जुगत में हैं लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
चुनावी नतीजों के आने के बाद कांग्रेस ने जद (एस) काे बिना शर्त समर्थन देने का एलान किया है और एेसे में अब गेंद राज्यपाल के पाले में हैं कि वह अगली सरकार बनाने के लिए किसे आमंत्रित करते हैं।
विधायकों की इस बैठक का समय सुबह साढे आठ बजे तय था लेकिन विभिन्न स्थानों से विधायकों के आने में देरी के कारण इसके समय में बदलाव किया गया। विधायकों की बैठक में हिस्सा लेने से पहले सिद्धारमैया ने पत्रकारों से कहा कि सभी विधायक एकजुट हैं और भाजपा इनकी खरीद फरोख्त करने के अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकेगी।
इससे पहले भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कुमारास्वामी से मिलकर भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए जद (एस) का समर्थन मांगा था लेकिन कुमारास्वामी ने स्पष्ट कर दिया कि वह पहले ही कांग्रेस के साथ प्रतिबद्ध हैं और अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे।