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भारत में बेसबाल की जड़ें मजबूत कर रहा है एमएलबी - Sabguru News
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भारत में बेसबाल की जड़ें मजबूत कर रहा है एमएलबी

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भारत में बेसबाल की जड़ें मजबूत कर रहा है एमएलबी
MLB is strengthening the roots of baseball in India
MLB is strengthening the roots of baseball in India
MLB is strengthening the roots of baseball in India

नई दिल्ली। बेसबॉल अमेरिका का सबसे लोकप्रिय और राष्ट्रीय खेल माना जाता है और अब मेजर लीग बेसबॉल (एमएलबी) भारत में बेसबॉल की संभावना को मजबूत करने के लिए गंभीरता से काम कर रहा है।

एमएलबी ने दुनियाभर में बेसबॉल के प्रचार प्रसार के लिए एक बड़ा अभियान चला रखा है, जिसके चलते सभी देशों में इस खेल को लोकप्रिय बनाने के लिए बाकायदा खिलाड़ियों और कोचों के प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे हैं। ट्रेन द ट्रेनर प्रोग्राम नाम से शुरू किए गए एक कार्यक्रम के तहत भारत में छोटे बड़े शहरों के कोचों को बेसबाल की बारीकियां सिखाने का काम एमएलबी इंडिया के स्पोर्ट्स प्रमुख डेविड पेलेसे और बिजनेस प्रमुख रयो ताकाहाशी को सौंपा गया है, जो लंबे समय से भारत में इस खेल के लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं और भारतीय कोचों को अत्याधुनिक ट्रेनिंग के गुर सिखा रहे हैं।

गुरुग्राम में आयोजित एक ट्रेंनिंग कैंप में डेविड और ताकाहाशी ने भारतीय कोचों की आधुनिक ट्रेनिंग के गुर दिए। इस अवसर पर भारतीय बेसबाल फ़ेडरेशन के महासचिव हरीश कुमार भारद्वाज भी मौजूद थे जिन्होंने बताया कि देश में इस खेल के 55 हज़ार के लगभग रजिस्टर्ड खिलाड़ी हैं जिनमें 30 हजार पुरुष और 25 हजार महिला खिलाड़ी शामिल हैं और 33 सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन किया जा चुका है। सब जूनियर और जूनियर स्तर के आयोजन भी लगातार किए जा रहे हैं। सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार फेडरेशन के चुनाव गत नवम्बर में आयोजित किये जा चुके हैं।

दोनों विदेशी कोचों ने इस बात पर जोर दिया किया कि भारत में इस खेल की जड़ें मजबूत करने के लिए कोचों को तैयार करने की जरूरत है ताकि वे अपने अनुभव से खिलाड़ियों को विश्व स्तर पर तैयार कर सकें। पेलेसे और ताकाहाशी ने एक स्वर में कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को ही नहीं कोचों को भी अपनी फिटनेस पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है। डेविड ने कहा कि उनके कार्यक्र्म में शामिल तमाम कोच अभी फिटनेस से बहुत दूर हैं और ऐसा संभवतः कोरोना के चलते हुए लाकडाउन के कारण है,क्योंकि पिछले कई महीनों से खेल गतिविधियां बंद पड़ी थीं लेकिन अच्छी बात है कि अब गतिविधियां शुरू हुई हैं और कैंप भी लग रहे हैं।

भारी भरकम और सौ किलो से अधिक वजनी डेविड ने माना कि इस दौरान वह खुद भी अपनी फिटनेस पर बराबर ध्यान नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि भारतीय कोचों में सीखने की जबरदस्त ललक है और जो कोच इस कैंप में मौजूद हैं उनमें सीखने की ललक है और इस बात का पता उनके सवालों से चलता है।

दिलचस्प है कि डेविड एक तरफ जहां भारतीय कोचों को प्रशिक्षित कर रहे थे वहीं साथ के मैदान में एक क्रिकेट मैच चल रहा था। जब उनका दिन का शिविर ख़त्म हुआ तो साथ के मैदान में दूसरा क्रिकेट मैच शुरू हो चुका था। उन्होंने क्रिकेट और बेसबाल को लगभग एक जैसा खेल बताया और कहा कि दोनों ही खेलों में बाल, बैट, हेल्मेट आदि मिलते जुलते उपकरण प्रयोग में लाए जाते हैं तथा इनमें हिट और रन का नियम भी है।

डेविड ने माना कि क्रिकेट भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है, जिसके चलते अधिकांश खेल दब कर रह गए हैं। लेकिन यदि लाखों करोड़ों खिलाड़ी एक ही खेल को अपनाएंगे तो संतुलन गड़बड़ा जाएगा। लेकिन उन्हें नहीं लगता कि भारत में बेसबाल की लोकप्रियता की संभावना कम है। डेविड ने कहा कि भारत किसी भी खेल के लिए बड़ा बाज़ार है और एमएलबी हर हाल में भारत को अपने खेल का मजबूत गढ़ बनाने के लिए कटिबद्ध है। उनकी क्रिकेट से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है बल्कि बेसबाल अपने स्तर पर पनपना चाहता है।

एमएलबी इंडिया के बिजनेस ऑपरेशन प्रमुख ताकाहाशी ने कहा कि भारत में यदि इस खेल को लोकप्रियता की ऊंचाइयों पर ले जाना है तो भारतीय फेडरेशन को अपने प्रयास तेज करने होंगे और उनकी मदद के लिए एमएलबी हर प्रकार से तैयार है। उन्होंने कहा कि एमएलबी दुनियाभर में खेल को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रयत्नशील है। राष्ट्रीय फ़ेडरेशन या उसकी इकाइयों को निशुल्क सेवाएं दी जा रही हैं। अब गेंद भारतीय फ़ेडरेशन के पाले में है और उसे अपने स्तर पर प्रयास तेज करने होंगे।

भारतीय बेसबाल फ़ेडरेशन के महासचिव हरीश कुमार भारद्वाज आशावादी हैं कि बेसबॉल भारत में भी लोकप्रियता हासिल करेगा और फ़ेडरेशन आगामी मार्च में 34वीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने जा रहा है जिसका आयोजन पिछले साल कोरोना के कारण नहीं हो पाया था। हरीश भारद्वाज के अनुसार उनका खेल केंद्रीय खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त है और भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) की मान्यता भी जल्द मिल सकती है। लेकिन उन्हें लंबा सफ़र तय करना है।

भारद्वाज ने कहा कि वह पहले भारतीय बेसबॉल को एशियाई स्तर पर ले जाना चाहते हैं उसके बाद ही वह विश्व स्तर के लिए प्रयास करेंगे।उन्होंने कहा कि यदि पर्याप्त सुविधाएं मिलें और खिलाड़ियों को सरकार और अधिक प्रोत्साहन दे तो बेसबाल भी देश में क्रिकेट की तरह लोकप्रिय हो सकता है।

बेसबाल 18वीं सदी में इंग्लैंड में शुरू हुआ था और 19वीं सदी में इसे अमेरिका में बेहद पसंद किया गया, जिसने आगे चल कर एक तरह से अमेरिका के राष्ट्रीय खेल का दर्जा प्राप्त कर लिया। अमेरिका और कनाडा में बाक़ायदा बेसबाल की प्रोफेशनल लीग का आयोजन मेजर लीग बेसबाल (एमएलबी) के बैनर तले किया जाता है, जिसमें अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान आदि देशों के खिलाड़ी भाग लेते हैं। भारत में भी इस खेल को नया मुकाम देने की तैयारी चल रही है और इन प्रयासों में एमएलबी की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।