जयपुर। राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर प्रदेश में दलित, आदिवासी एवं बहन-बेटियां कोई भी सुरक्षित नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं से राजस्थान शर्मसार हुआ है और नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए।
डॉ.पूनियां ने राजसमंद में भाजपा जिला कार्यालय में प्रेस वार्ता में आज यह बात कही। उन्होंने कहा कि अलवर जिले में योगेश जाटव की जिस तरीके से पीट-पीटकर हत्या की गई, यह प्रदेश की कानून व्यवस्था का ध्वस्त होने का प्रमाण है। प्रदेश में दलित, आदिवासी एवं बहन-बेटियां कोई भी सुरक्षित नहीं है।
यह पूरा घटनाक्रम कांग्रेस के नेता राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी के आचरण पर सवाल खड़ा करता है। मॉब लिंचिंग की इन घटनाओं पर राजस्थान की जनता पूछ रही है कि ये दोनों क्या इन पीड़ित परिवारों के आंसू पहुंचने यहां आएंगे। क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गहरी निंद्रा से बाहर आकर कानून व्यवस्था को पटरी पर ला पाएंगे। अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो नैतिकता के आधार पर गहलोत को इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह पहली घटना नहीं बल्कि राजस्थान में इस प्रकार की पिछले दिनों कई घटनाएं हुई हैं, इसके बावजूद भी सरकार कुछ नहीं कर पा रही है।
उन्होंने कहा कि झालावाड़ में कृष्णा वाल्मीकि की हत्या हो या फिर अलवर में मॉब लिंचिंग की घटना में योगेश जाटव से जुड़ा मामला हो, पिछले दिनों डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा थाना अंतर्गत हथियारबंद बदमाशों ने आरएसी जवान रमेश की पीट-पीटकर हत्या, अलवर के भिवाड़ी में हरीश जाटव की पीट-पीटकर हत्या, इस हर प्रकार की घटनाओं से प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल साबित हो चुकी है।
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि योगेश जाटव के परिजनों की जो मांगें हैं उन पर विचार कर जल्द पूरा किया जाए, हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी हो और कड़ी सजा दी जाये।
डा पूनियां ने कहा कि एक तरफ तो अशोक गहलोत सरकार मॉब लिंचिंग पर कानून लाती है वहीं इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, इससे कांग्रेस की कथनी और करनी में फर्क है जो प्रदेश में हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं से साबित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजस्थान से लेकर देशभर में लंबे समय से तुष्टिकरण की राजनीति करती रही है, उसी का परिणाम है कि कांग्रेस के शासन में राजस्थान में दलितों को सबसे ज्यादा प्रताड़ित होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि गहलोत जो मुख्यमंत्री भी हैं और उनका योगेश जाटव मॉब लिंचिंग मामले पर ना कोई बयान आया और कोई ट्वीट।