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अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी का CM गहलोत से सवाल, क्या सभी 12.5 लाख प्रवासियों को ले आए? - Sabguru News
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अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी का CM गहलोत से सवाल, क्या सभी 12.5 लाख प्रवासियों को ले आए?

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अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी का CM गहलोत से सवाल, क्या सभी 12.5 लाख प्रवासियों को ले आए?

अजमेर। कोरोना संकटकाल में राज्य से बाहर से प्रदेश के मजदूरों व प्रवासियों को लाए जाने के लिए केन्द्र से ट्रेन संचालन किए जाने की मांग करने वालों में अशोक गहलोत सबसे अग्रणी थे, जब ट्रेनें चली तो सबसे कम ट्रेनें राजस्थान की थी और सबसे कम प्रवासियों को लाया गया। क्या गहलोत इस सवाल का जवाब देंगे?

केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश की सरकार को पूर्ण मदद करने के पश्चात भी मुख्यमंत्री पूरी मदद नहीं करने का निराधार आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री गहलोत को ये बताना चाहिए कि उन्होंने 12.5 लाख प्रवासी लोगों का रजिस्ट्रेशन किया था तो श्रमिक ट्रेनों से महज डेढ लाख के अलावा प्रवासियों को इस सुविधा से वंचित क्यों कियाघ् केन्द्र की मंजूरी के बाद भी श्रमिक ट्रेनों सबसे कम संचालन राजस्थान सरकार ने ही क्यों किया?

मान भी लिया जाए कि कुल प्रवासियों में से 50-60 हजार प्रवासी बस से भी आए होंगे। तब भी बाकी के बचे लगभग 10 लाख लोग कैसे आ गए? ऐसे ही मजबूरन लोग सडकों पर पैदल जाते नजर आए, जिसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिम्मेदार हैं।

अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने सोमवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूर्ण होने पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री पर सवालों की झडी लगा दी। उन्होंने कहा कि देश की जनकल्याण को समर्पित निर्णायक मोदी सरकार ने देश में स्पष्ट नीति एवं सटीक निर्णय के साथ इस दूसरे कार्यकाल में दृढतापूर्वक देश हित में कईं ऐतिहासिक फैसले लिए हैं।

मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में जनकल्याणकारी नीतियों को निरन्तरता रखते हुए सबका साथ सबका विकास के संकल्प एवं देश की एकता अखण्डता और सुरक्षा को सुनिरिचत किया। देश के 34 करोड से अधिक लोगों को जनधन योजना से जोडकर पारदर्शितापूर्ण ढंग से योजनाओं का लाभ सीधे लोगों के खातों में दिलाने, उज्जवला योजना क तहत नौ करोड से अधिक गरीब परिवारों की धुंए में रसोई पकाने वाले महिलाओं का जीवन स्तर बेहतर बनाने, 18 हजार से अधिक गांवों में बिजली पहुंचाने, पूर्व सैन्यकर्मियों के लिए वन रैंक वन पेंशन स्कीम लागु करना, अर्थव्यवस्था में सुधार एवं गति देने को देश में वन नेशन वन टेक्स की दिशा में बढते हुए जीएसटी को लागू किया।

आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के 50 करोड लोगों को 5 लाख तक का निशुल्क इलाज की सुविधा दी, देश में आर्थिक रूप से पिछडे युवाओं के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान का निर्णय, स्वच्छता ही सेवा के संकल्प के साथ देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोडों शौचालयों का निर्माण कर खुले में शौच से मुक्त करने का बीडा उठाया।

देश में स्पष्ट रक्षा नीति एवं आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति को अपनाकर सर्जिकल स्ट्राइक एवं एयर स्ट्राइक करके दुनिया को भारत की ताकत से परिचित कराया।

मोदी सरकार ने पहले के पांच वर्ष के कार्यकाल के बाद दूसरे कार्यकाल में भी सरकार की नीतियों में जनहित को समर्पित भावना, देश हित की लालसा एवं सबका साथ सबका विकास-सबका विश्वास के संकल्प को दृष्टिगत रखा, मोदी सरकार ने देश की कई ऐतिहासिक गलतियों को सुधारा और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखते हुए देश के बहुमुखी विकास के लिए हर पल अनवरत समर्पित एवं अग्रसर हो रही है।

दूसरे कार्यकाल का पहला साल ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा यह कार्यकाल अपने कडे एवं बडे फैसलों के साथ साथ चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए जाना जाएगा जिन्होंने देश की शक्ल-ओ-सूरत बदल दी।

मोदी सरकार ने गत एक साल में देश की अखण्डता एवं एकता को मजबूती प्रदान करते हुए जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 एवं 35ए समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लेकर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख क्षेत्र को केन्द्रशासित प्रदेश घोषित कर वहां के लोगों को वे सभी अधिकार दिए जिससे वे लम्बे समय से वंचित थे।

देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू कर पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक प्रताडना की वजह से भारत में शरण लिए हिन्दू, ईसाई, बौद्ध, सिख, जैन एवं पारसी समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का अधिकार देकर उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन और मानवीय दृष्टिकोण को सुनिश्चित किया।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सर्वसम्मति से आए फैसले के बाद अयोध्या में राम मन्दिर का मार्ग प्रशस्त कर मन्दिर निर्माण ट्रस्ट की स्थापना की तथा अपनी प्रतिबद्धता एंव प्रयासों को मूर्त रूप देकर मन्दिर निर्माण कार्य प्रारंभ किया।

देश की मुस्लिम महिलाओं के गरिमापूर्ण जीवन एवं सम्मान को सुनिश्चित कराने के लिए मोदी सरकार ने तीन तलाक पर कानून बनाया जोकि सामाजिक न्याय की दिशा को इंगित करता है। केन्द्र सरकार के प्रयासों से ही गुरूनानक देव जी से जुडे आस्था स्थल करतायुर साहिब तक देश के श्रद्धालुओं के जाने की राह की बाधा का स्थायी समाधान हुआ।

मोदी सरकार ने ब्रू रियांग समझौता कर देश के पूर्वोतर क्षेत्र की गत 23 वर्षों से चल रही जटिल समस्या का समाधान कर 34 हजार लोगों को त्रिपुरा में बसाने का मार्ग प्रशस्त करते हुए उनके सामाजिक विकास से जुडी बुनियादी जरूरतों के लिए 600 करोड का पैकेज भी दिया और ऐतिहासिक बोडो समझौता करके असम से जुडी इस समस्या का स्थायी समाधान कराते हुए वहां शान्ति व्यवस्था की नींव रखी।

मोदी सरकार ने विश्वव्यापी कोरोना महामारी के खिलाफ लडाई में देश के सभी वर्गों को एक साथ लेकर सही समय पर बोल्ड निर्णय लिए जिससे आज देश में स्थिति विश्व के अन्य विकसित देशों की तुलना में संभली हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना विपदा के समय देश में ताली थाली बजाकर एवं दीप जलाकर देश के आमजन में आत्मविश्वास एवं सुरक्षा के भाव उत्पन्न कर देश को एकता के सूत्र में पिरोया जिसका विश्व के अन्य देशों द्वारा भी अनुसरण किया गया।

देश में गत 24 मार्च से लागू लॉकडाउन के चलते लगभग 2 माह से अर्थव्यवस्था एवं विकास की गति ठप सी पडी है, इस हेतु मोदी सरकार ने आत्मभारत अभियान के तहत 20 लाख करोड रुपए का आर्थिक पैकेज देते हुए वोकल फॉर लोकल के तहत स्थानीय उत्पाद, उदयमियों को प्रोत्ससहित कर देश में स्वदेशी जागरण के द्वारा आत्मनिर्भरता का जो मूल मंत्र दिया वह निश्चित ही देश की आर्थिक गतिविधियों को पुन: अग्रसर करने की दिशा में उठाया गया एक बडा एवं ऐतिहासिक कदम है।

यह सिर्फ पैकेज ही नहीँ देश को आत्मनिर्भर बनाने की एक ठोस पहल भी है। यह अभियान आगामी दिनों में हर एक देशवासी के लिए, हमारे किसान, हमारे श्रमिक, हमारे लघु उदयमी, हमारे स्टार्टअप से जुडे नौजवान भाईयों आदि सभी के लिए नए अवसरों का एक दौर लेकर आएगा।

योग दिवस के माध्यम से मोदी ने विश्व को आरोग्य का नया मंत्र दिया। प्रति वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाए जाने से विश्व में भारत के मान, सम्मान और गौरव को ही नहीं बढाया अपितु विश्व को रोगप्रतिरोधक क्षमता कैसे विकसित हो इसका जो संदेश दिया है वो इस कोविड-19 महामारी में सार्थक हुआ, आज केवल मात्र मनुष्य का इम्युनिटी पावर ही है जो उसे बिना दवाईयों के सुरक्षित रख सकता है और योग के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाया जा सकता है।

कोरोना महामारी में हाड़ड्रोक्सी क्लोरीन दवाई की जब विश्व को सबसे अधिक आवश्यकता थी। भारत ही एकमात्र देश था जिसने 120 से अधिक देशों को मानवता के रक्षार्थ यह दवाई उपलब्ध करवाकर प्रधानमंत्री मोदी ने वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को चरितार्थ किया।

कोविड 19 के तहत हमारे प्रदेश में कन्द्र सरकार ने डीस्ट्रीक्ट माईर्निग फण्ड (डीएमएफ) से 2765 करोड रूपए, एसडीआरएफ में 740 करोड रूपए विधवा, वृद्धावस्था आदि सामाजिक पेंशन में 4665 करोड रूपए, चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को 1780 करोड रूपए की सहायता राशि दी है। इसके साथ ही प्रदेश को सार्वजनिक वितरण प्रणाली क तहत 9.14 लाख मेट्रिक टन गेंहू देते हुए बाहर से आए हुए प्रवासियों के लिए 2 माह का 44 हजार मेट्रिक टन गेंहू भी दिया। प्रदेश के लगभग 60 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत 1200 करोड की राशि देते हुए रबी फसल 2019 में 40 लाख किसानों को 18596 करोड एवं खरीफ फसल 2019 में 46 लाख किसानों को 46431 करोड से लाभान्वित किया।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रदेश में उज्जवला योजना के तहत 450 करोड रूपए की राशि महिलाओं के खातों में जनधन योजना में 67.22 लाख महिलाओं के खाते में 337 करोड रूपए जमा किए और कन्द्र की महत्वपूर्ण जल जीवन मिशन योजना के तहत 1400 करोड रूपए का फण्ड राज्य सरकार को दिया ताकि भीषण गर्मी मेँ प्रदेश के हर आम जन को समुचित पेयजल की उपलब्धता हो।

वहीं दूसरी ओर प्रदेश में नरेगा के तहत 2870 करोड रुपए की राशि स्वीकृत की जिससे लॉकडाउन के इस कठिन दौर में हर जरूरतमंद व्यक्ति को अपनी आवश्यकता की समुचित पूर्ति हो। इसके साथ ही नरेगा में देश में कहीँ भी काम करने की छूट देने के साथ साथ दैनिक मजदूरी 182 रूपए से बढाकर 202 रूपए की।

केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश की राज्य सरकार को पूर्ण मदद करने के पश्चात भी मुख्यमंत्री द्वारा केन्द्र पर राज्यों को पूरो मदद नहीं करने का आरोप निराधार एवं ओछी मानसिकता का द्योतक है। प्रदेश की गहलोत सरकार खास तौर पर प्रवासी मजदूरों को लाने एवं उनका समुचित सहयोग करने में असफल रही है। जहां एक ओंर राज्य सरकार के द्वारा 12.5 लाख प्रवासी लोगों का रजिरट्रेशन बताकर केन्द्र सरकार को पत्र लिखने पर श्रमिक ट्रेनों का संचालन शुरू करवाया गया।

वहीँ दूसरी ओर कन्द्र द्वारा श्रमिक ट्रेनों की स्वीकृति मिलने के बाद सबसे कम ट्रेनों का संचालन राजस्थान सरकार ने किया। राज्य सरकार की ओर से मात्र 1.5 लाख लोगों को ही श्रमिक ट्रेनों का लाभ मिला। मानते हैं कि कुछ 50…60 हजार प्रवासी लोग बस से भी आए होंगे। तब भी बाकी के ऐसे लगभग 10 लाख लोग कैसे आ गए? ऐसे ही लोग सडकों पर नजर आए जिनमें सबसे ज्यादा पैदल चलते लोग राजस्थान की सडकों पर दिखे, जिसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिम्मेदार हैं।