Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Modi and Mongolia President unveiled statue of Lord Buddha - Sabguru News
होम Delhi मोदी ने दिल्ली से ही 3600 km दूर मंगोलिया में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण

मोदी ने दिल्ली से ही 3600 km दूर मंगोलिया में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण

0
मोदी ने दिल्ली से ही 3600 km दूर मंगोलिया में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण
Modi unveiled statue of Lord Buddha in Mongolia, 3600 km from Delhi itself
Modi unveiled statue of Lord Buddha in Mongolia, 3600 km from Delhi itself
Modi unveiled statue of Lord Buddha in Mongolia, 3600 km from Delhi itself

नयी दिल्ली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंगोलिया के राष्ट्रपति खाल्तमागिन बटुल्गा ने आज वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से मंगोलिया के गंडान तेगचेन्लिंग मठ में भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों की प्रतिमा का अनावरण किया।

मोदी ने 2015 में मंगोलिया यात्रा के दौरान गंडान तेगचेन्लिंग बौद्ध मठ में पूजा की थी और भारत तथा मंगोलिया में साझा बौद्धिक विरासत और लोगों के बीच परस्पर संपर्क के महत्व को ध्यान में रखते हुए बौद्ध मठ को भगवान बुद्ध की प्रतिमा उपहार स्वरूप देने की घोषणा की थी।

इस प्रतिमा में भगवान बुद्ध अपने शिष्यों को शांति, सहअस्तित्व और सद्भावना का उपदेश दे रहे हैं। यह प्रतिमा गत 6 से 7 सितंबर तक मंगोलिया की राजधानी उलानबटोर में आयोजित द्विपक्षीय संवाद के तीसरे संस्करण के अवसर पर गंडान बौद्ध मठ में स्थापित की गई थी। संवाद के माध्यम से दोनों देशों के बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक नेताओं, विशेषज्ञों और विद्वानों को बौद्ध धर्म से जुड़े समकालीन विषयों पर चर्चा के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान किया गया।

गंडान तेगचेन्लिंग बौद्ध मठ मंगोलिया में बौद्ध धर्म और इससे जुड़ी कई मूल्यवान धरोहरों का बड़ा केन्द्र है। शांति के लिए एशियाई बौद्ध सम्मेलन की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर वहां 11वीं महासभा का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में भारत, दक्षिण कोरिया, रूस, श्रीलंका, बंगलादेश, भूटान, नेपाल, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और जापान सहित 14 देशों के डेढ़ सौ से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।

मोदी और बटुल्गा द्वारा इस प्रतिमा का अनावरण भगवान बुद्ध के सार्वभौमिक संदेश के प्रति दोनों देशों के साझा सम्मान का प्रतीक है।