गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद को राजनीतिक राजधानी गांधीनगर से जोड़ने वाले अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के फ़ेज़ 2 और हीरा नगरी सूरत की मेट्रो परियोजना का नयी दिल्ली से विडीओ कानफ़्रेंसिंग के ज़रिए भूमि पूजन किया।
5384 करोड़ रुपए की लागत वाले 28.25 किमी लम्बे अहमदाबाद मेट्रो परियोजना के फ़ेज़ 2 यानी दूसरे चरण को मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत दो कॉरिडोर होंगे। पहला 22.8 किमी लम्बा होगा और यह अहमदाबाद स्थित दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम मोटेरा स्टेडियम से गांधीनगर के महात्मा मंदिर को जोड़ेगा। दूसरा 5.4 किमी लम्बा होगा और गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी यानी जीएनएलयू को भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आइएफएससी) गिफ़्ट सिटी से जोड़ेगा।
ज्ञातव्य है कि लगभग 40 किमी लम्बे अहमदाबाद मेट्रो परियोजना के पहले चरण के 6.5 किमी लम्बे प्रायोरिटी रूट का उद्घाटन श्री मोदी ने मार्च 2019 में किया था। इस परियोजना के लिए भूमि पूजन 2015 में किया गया था। चरण 1 के वर्ष 2022 तक पूरा होने का अनुमान है। दोनो फ़ेज़ की कुल अनुमानित संयुक्त लागत क़रीब 13 हज़ार करोड़ रुपए है।
मेट्रो परियोजनाओं का काम केंद्र और गुजरात सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले संक्युत उपक्रम गुजरात मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (जीएमआरसी) करती है।
सूरत की मेट्रो परियोजना गुजरात में अहमदाबाद के बाद दूसरी ऐसी परियोजना होगी। इसकी कुल लम्बाई 40.35 किमी और कुल लागत 12020 करोड़ रुपए होगी। इसके तहत 6 भूमिगत स्टेशन भी होंगे। इसके तहत दो गलियारे यानी कॉरिडोर होंगे। 21.61 किमी लम्बा पहला गलियारा सरथाना को ड्रीम सिटी से जोड़ेगा जबकि 18.74 किमी लम्बा दूसरा कॉरिडोर भेसाण से सारोली तक होगा। इसे भी 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मोदी ने इस मौक़े पर अपने सम्बोधन में कहा कि इन परियोजनाओं से गुजरात और इसके दो प्रमुख व्यावसायिक केंद्रो अहमदाबाद और सूरत के विकास को और गति मिलेगी। उन्होंने उनकी सरकार की ओर से देश और गुजरात के विकास के लिए लागू की गयी विभिन्न परियाजनाओं और इनसे होने वाले लाभ के बारे में भी विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम को केंद्रीय गृह मंत्री सह गांधीनगर के लोकसभा सांसद अमित शाह, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी सम्बोधित किया।