Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Modi faces unlikely challenge as Indian polling draws to an end-अंतिम चरण में भाजपा, तृणमूल पर अपने किले बचाने की चुनौती - Sabguru News
होम Breaking अंतिम चरण में भाजपा, तृणमूल पर अपने किले बचाने की चुनौती

अंतिम चरण में भाजपा, तृणमूल पर अपने किले बचाने की चुनौती

0
अंतिम चरण में भाजपा, तृणमूल पर अपने किले बचाने की चुनौती

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 59 सीटों पर रविवार को होने वाले मतदान में भारतीय जनता पार्टी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के लिए अपने किले बचाने की चुनौती है।

इन 59 सीटों में से भाजपा ने पिछले चुनाव में 33 सीटें जीती थीं। इनमें उत्तर प्रदेश की 13 में से 12, मध्यप्रदेश की सभी आठ और हिमाचल प्रदेश की सभी चार सीटें शामिल हैं। इस चरण की पश्चिम बंगाल की सभी नौ सीटों पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है।

भाजपा जहां बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से सीटें छीनने की पुरजोर कोशिश कर रही है वहीं उसे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन से तथा मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस से अपनी सीटों को बचाने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है।

उत्तर प्रदेश में जिन 13 सीटों पर अंतिम चरण में वोट डाले जाने हैं उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट शामिल है। उनका यहां कांग्रेस के अजय राय और गठबंधन की शालिनी यादव से मुकाबला है।

इस चरण की मिर्जापुर काे छोड़कर सभी सीटों पर भाजपा जीती थी। मिर्जापुर सीट पर उसकी सहयोगी अपना दल का कब्जा है। कांग्रेस की महासचिव और स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी के इस क्षेत्र में जमकर प्रचार करने से इन सीटों पर मुकाबला रोचक बन गया है।

मध्यप्रदेश में अंतिम चरण की सभी आठ सीटों पर पिछली बार भाजपा ने जीत दर्ज की थी लेकिन पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत और उसकी सरकार बनने से स्थिति बदली हुयी है। इस चरण में भाजपा और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर है।

खंडवा सीट से भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव मैदान में हैं। चौहान ने पिछले चुनाव में यहां यादव को ही हराया था। इस चरण में सबकी नजरें इंदौर सीट पर है जहां से लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन आठ बार चुनाव जीत चुकी है लेकिन इस बार भाजपा ने उनकी जगह शंकर लालवानी को उतारा है जिनका मुकाबला कांग्रेस के पंकज संघवी से है।

अंतिम चरण में बिहार की आठ सीटों में पांच पर भाजपा का कब्जा है। इनमें पटना साहिब, पाटिलपुत्र, नालंदा, सासाराम और आरा जैसी महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं। फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब से हैट्रिक लगाने के प्रयास में है लेकिन अंतर यह है कि इस बार वह भाजपा की बजाय कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला भाजपा के रविशंकर प्रसाद से है। आरा में केंद्रीय मंत्री आर के सिंह का माकपा माले के राजू यादव से मुकाबला है वहीं सासाराम से लाेकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीराकुमार कांग्रेस की ओर से मैदान में है।

सबकी नजरें पंजाब पर भी होंगी जहां अंतिम चरण में राज्य की सभी 13 सीटों पर मतदान होगा। पिछले चुनाव में भाजपा को दो तथा उसकी सहयोगी अकाली दल को चार सीटें मिली थीं जबकि आम आदमी पार्टी को चार तथा कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं।

पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार राजनीतिक समीकरण बदले हुये हैं। अब राज्य में कांग्रेस की सरकार है तथा आप में टूट फूट हो चुकी है। पंजाब से लगे हिमाचल प्रदेश की सभी चार सीटों पर रविवार को वोट डाले जायेंगे। इन सभी सीटों पर पिछली बार भाजपा ने कब्जा किया था।

झारखंड की तीन सीटों पर रविवार को मतदान होगा। इनमें से दो सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा और एक भाजपा के पास है। सबकी नजरें दुमका पर होंगी जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन नौवीं बार लोकसभा चुनाव जीतने के लिए मैदान में हैं।