नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार तीन तलाक के मुद्दे को ‘राजनीतिक फुटबाल’ की तरह इस्तेमाल कर रही है लेकिन तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के पति की संपत्ति जब्त न कर उनके साथ अन्याय कर रही है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के तीन तलाक पर तीन साल की सजा के प्रावधान वाले अध्यादेश को बुधवार को मंजूरी देने के बाद यहां पत्रकारों से कहा कि मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं को न्याय नहीं देना चाहती है। तीन तलका के नाम पर सरकार सिर्फ राजनीति करना चाहती है इसलिए इस संबंध में अध्यादेश लेकर आई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं को न्याय नहीं देना चाहती इसलिए तीन तलाक विधेयक पर उसने कांग्रेस के संशोधनों को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी नहीं चाहते कि मुस्लिम महिलाओं को भत्ता मिले, उनके बच्चों के भरण-पोषण की पूरी व्यवस्था हो।
हमने संशोधन दिए थे कि आप सम्पत्ति जब्त कीजिए, अगर पति जेल चला जाएगा, तो उस गरीब, असहाय मुस्लिम महिला को भत्ता कौन देगा, उसके बच्चों का खर्चा कौन देगा, उसकी रोजी-रोटी चलाने का खर्चा कौन देगा। इसलिए कानून में संशोधन को जोड़ने का हमने सुझाया दिया था, पर मोदी सरकार इसे राजनीतिक फुटबाल अधिक और मुस्लिम महिलाओं के साथ न्याय का मामला कम बनाना चाहती है।
प्रवक्ता ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय देने और तीन तलाक प्रथा को खत्म करने की उच्चतम न्यायालय में कांग्रेस नेताओं ने वकालत की थी। तीन तलाक खत्म हो चुका है, तो अगला मामला मुस्लिम महिलाओं के साथ न्याय का है।
इस न्याय के तहत उनको पति की सम्पत्ति से भत्ते का अधिकार उन्हें मिले, बच्चों को पालने, परिवार के भरण पोषण और खर्चे का पूरा अधिकार उसे मिले और जो पति ये ना दे पाए, उसकी प्रापर्टी अटैच हो, पर मोदी सरकार ऐसा करने से गुरेज कर रही है।
गौरतलब है कि मंत्रिमंडल द्वारा तीन तलाक अध्यादेश को मंजूर किए जाने के बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर तीन तलाक को लेकर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि वह राज्यसभा में इससे जुड़े विधेयक को पारित कराने पर सहयोग नहीं कर रही है और इस कारण सरकार को तीन तलाक को गैर-कानूनी बनाने के लिए अध्यादेश का सहारा लेना पड़ा है।